कवर्धानौकरी

“हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करो!” – कवर्धा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हल्लाबोल, कलेक्ट्रेट घेरकर दी बड़ी चेतावनी

कवर्धा : हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करो! अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर कवर्धा जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का गुस्सा मंगलवार को सड़कों पर फूट पड़ा। “छत्तीसगढ़ जुझारु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ” के बैनर तले सैकड़ों महिलाओं ने पहले धरना दिया, फिर शहर में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। उनकी सबसे प्रमुख मांग उन्हें तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित करने की है।

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प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। कलेक्ट्रेट पहुंचकर उन्होंने तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा और साथ ही सरकार को एक बड़ा अल्टीमेटम भी दिया।हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करो!

सरकार को दी सीधी चेतावनी

कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा। उन्होंने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 1 सितंबर 2025 को पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की लाखों कार्यकर्ता और सहायिकाएं राज्य स्तर पर एक विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगी।हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करो!

काम 8 घंटे, मानदेय कलेक्टर दर से भी कम

कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उनसे पहले 4 घंटे काम लिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 6 घंटे कर दिया गया है, और कई बार तो 8 से 10 घंटे भी काम करना पड़ता है। इसके बदले में कार्यकर्ता को मात्र 10,000 रुपये और सहायिका को 5,000 रुपये मानदेय मिलता है, जो श्रम कानूनों के तहत निर्धारित कलेक्टर दर से भी कम है।हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करो!

तकनीकी समस्याएं और अन्य परेशानियां

  • पोषण ट्रैकर एप: संघ की जिलाध्यक्ष सोनबाई बंजारे ने बताया कि पोषण ट्रैकर एप एक बड़ी समस्या बन गया है। एप का वर्जन बार-बार बदलता है, जिसे चलाने के लिए 5G मोबाइल की जरूरत है, जो उनके पास नहीं है। उन्होंने 5G मोबाइल और बढ़े हुए नेट खर्च की मांग की।

  • आरटीई का असर: शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत 3 से 6 साल के बच्चों का स्कूलों में दाखिला होने से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, जिस पर ठोस नीति बनाने की जरूरत है।

  • भुगतान में देरी: सुपोषण चौपाल और मातृत्व वंदना योजना जैसी राशियों का भुगतान हर महीने समय पर नहीं होता है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रमुख मांगें:

  • कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।

  • मध्यप्रदेश की तर्ज पर हर साल मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।

  • पर्यवेक्षक के पदों पर तत्काल भर्ती निकाली जाए और आयु सीमा हटाकर 50% पदों पर कार्यकर्ताओं को पदोन्नति दी जाए।

  • सहायिकाओं को शत-प्रतिशत कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नत किया जाए और उम्र का बंधन हटाया जाए।

  • सेवा समाप्ति पर कार्यकर्ता और सहायिका को 10 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाए।

  • गंभीर बीमारी होने पर मानदेय के साथ मेडिकल अवकाश का प्रावधान हो।

  • कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को विभागीय ऋण उपलब्ध कराया जाए।

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