खैरागढ़: खैरागढ़ में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा पर 37 लाख के फर्जीवाड़े का आरोप लगा है, जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। सोमवार को विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें वर्मा को पार्षद पद से बर्खास्त करने की मांग की गई है।खैरागढ़: 37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग, कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल
क्या है पूरा मामला?
साल 2023 में खैरागढ़ नगर पालिका में तत्कालीन CMO कुलदीप झा और पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा की मिलीभगत से बिना किसी सामग्री की खरीदी किए 37 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इस मामले में जांच के दौरान CMO कुलदीप झा को दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया, लेकिन शैलेंद्र वर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए वर्मा
हाल ही में शैलेंद्र वर्मा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे खैरागढ़ में साढ़े 7 साल बाद भाजपा को नगर पालिका अध्यक्ष मिला। भाजपा ने पहले वर्मा के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन पार्टी में शामिल होते ही भाजपा का विरोध खत्म हो गया। अब कांग्रेस ने वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके पार्षद पद से बर्खास्तगी की मांग की है।37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग
37 लाख की बंदरबांट पर जांच की मांग
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन का कहना है कि 37 लाख रुपए की सरकारी राशि की बंदरबांट में CMO को दोषी ठहराया गया और निलंबित किया गया, तो फिर शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? नगर पालिका अधिनियम धारा 35 (क) के तहत वर्मा को पार्षद पद से हटाने की मांग की गई है, क्योंकि CMO और वर्मा दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही यह भ्रष्टाचार हुआ था।37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग
कैसे हुआ 37 लाख 73 हजार का भ्रष्टाचार?
जून 2023 से दिसंबर 2023 के बीच नगर पालिका ने कई योजनाओं के तहत सामग्रियों की खरीदी का दावा किया था। इनमें 14वें और 15वें वित्त, राज्य परिवर्तित, पालिका निधि, दीदी बर्तन बैंक, मरम्मत संधारण, और जलकष्ट निवारण जैसी योजनाएं शामिल थीं।
शिकायतकर्ता और भाजपा महामंत्री रामाधार रजक के अनुसार, बिना किसी सामग्री की खरीदी के 37 लाख 73 हजार रुपये का भुगतान किया गया था, जिसमें कोई बिल, वाउचर या फाइल उपलब्ध नहीं थी। साथ ही सरकार के भंडार क्रय नियमों का पालन भी नहीं किया गया।37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस की मांग और भाजपा की चुप्पी
जहां एक तरफ भाजपा ने वर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद चुप्पी साध ली है, वहीं कांग्रेस ने वर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उनके पार्षद पद से बर्खास्तगी की मांग की है।37 लाख की फर्जीवाड़ा मामले में शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग