पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को किया हाउस अरेस्ट
रायपुर- अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने रायपुर में प्रदर्शन करते हुए दिवस का बहिष्कार किया। उनकी मुख्य मांग सरकार द्वारा चुनावी वादे में किए गए 2500 रुपये पेंशन को लागू करने की है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और दिव्यांगों के बीच झड़पें हुईं। बड़ी संख्या में दिव्यांगों को टिकरापारा के साहू भवन में हाउस अरेस्ट किया गया। रायपुर में दिव्यांगों का प्रदर्शन: सरकार पर छलावे का आरोप
दिव्यांगों का आरोप: वादे अधूरे, 500 रुपये से गुजारा असंभव
दिव्यांगजनों का कहना है कि सरकार ने चुनाव से पहले 2500 रुपये मासिक पेंशन का वादा किया था, लेकिन वर्तमान में केवल 500 रुपये मिल रहे हैं। रायपुर के प्रदर्शनकारियों ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत घरेलू महिलाओं को भी 1000 रुपये मिल रहे हैं, जबकि दिव्यांगों की पेंशन केवल 500 रुपये है। रायपुर में दिव्यांगों का प्रदर्शन: सरकार पर छलावे का आरोप
पुलिस पर गंभीर आरोप: सड़कों पर घसीटा गया
प्रदर्शन में शामिल बेमेतरा के पवन साहू ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर घसीटा। उन्होंने कहा, “हमारी मांगें पूरी करने की बजाय, पुलिस हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है। हमारी बातें सुनने वाला कोई नहीं है।” रायपुर में दिव्यांगों का प्रदर्शन: सरकार पर छलावे का आरोप
ज्ञापन सौंपने के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
दिव्यांग संघ के रायपुर अध्यक्ष नितीश सोनी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को 3 महीने पहले ज्ञापन सौंपा था। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा, “अब हमें मजबूर होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करना पड़ा।” रायपुर में दिव्यांगों का प्रदर्शन: सरकार पर छलावे का आरोप
फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर भी उठाया मुद्दा
दिव्यांग संघ के अध्यक्ष बोहित राम ने आरोप लगाया कि प्रदेश में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरियां ली जा रही हैं। इस मामले पर भी 2 महीने पहले कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई। रायपुर में दिव्यांगों का प्रदर्शन: सरकार पर छलावे का आरोप
दिव्यांगों की मांगें
- पेंशन को 500 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया जाए।
- फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर तुरंत जांच और कार्रवाई हो।
- दिव्यांगजनों के लिए विशेष योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।