खनन कार्य रुका, SECL प्रबंधन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की अंबिका ओपन कास्ट माइन में खनन कार्य पिछले पांच दिनों से पूरी तरह बंद है। ग्राम करतली के ग्रामीण बसाहट और रोजगार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर अड़े हुए हैं।
मंगलवार को तहसीलदार सूर्य प्रकाश केसकर ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीणों ने अपनी मांगों पर अडिग रहते हुए प्रदर्शन जारी रखा। SECL अंबिका खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन: बसाहट और रोजगार की मांग पर अड़े, 5 दिन से ठप खनन कार्य
ग्रामीणों की मांग: बसाहट और स्थायी रोजगार
ग्राम करतली के सरपंच ज्योतिष ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से छोटे खातेदारों के लिए बसाहट और रोजगार की मांग की जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि SECL प्रबंधन जबरदस्ती विस्थापन करना चाहता है, जबकि उनकी मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। SECL अंबिका खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन: बसाहट और रोजगार की मांग पर अड़े, 5 दिन से ठप खनन कार्य
SECL की नीतियों पर सवाल, विस्थापितों के लिए अलग-अलग प्रावधान
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि SECL की अलग-अलग खदानों में पुनर्वास की नीतियां भिन्न हैं।
- दीपका, कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र में 15 लाख रुपये बसाहट राशि दी जा रही है।
- अंबिका प्रोजेक्ट में विस्थापितों के लिए 5 लाख रुपये के टेंडर का प्रावधान रखा गया है।
- ग्रामीणों का कहना है कि समान मुआवजा और रोजगार नीति लागू होनी चाहिए। SECL अंबिका खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन: बसाहट और रोजगार की मांग पर अड़े, 5 दिन से ठप खनन कार्य
मुख्यालय पर होगा बड़ा प्रदर्शन, तालाबंदी की चेतावनी
समिति के अनुसार, यदि जल्द ही मांगें पूरी नहीं होतीं, तो इस माह के अंत में SECL मुख्यालय के सामने हजारों विस्थापितों द्वारा प्रदर्शन और तालाबंदी की जाएगी।
यह आंदोलन करतली अंबिका प्रोजेक्ट, सराईपाली, कोरबा क्षेत्र और बरोद (रायगढ़) में भी तेजी से फैल रहा है। SECL अंबिका खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन: बसाहट और रोजगार की मांग पर अड़े, 5 दिन से ठप खनन कार्य