स्वास्थ्य

छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! जानिए लक्षण और अचूक बचाव

छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! जानिए लक्षण और अचूक बचाव

छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! छत्तीसगढ़, खासकर राजधानी रायपुर में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। मानसून के साथ ही डेंगू के मच्छर तेजी से पनप रहे हैं और मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी है। चिंता की बात यह है कि निगम द्वारा फॉगिंग न कराए जाने से यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। वहीं, सरकारी आंकड़ों और अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों की संख्या में भारी अंतर ने एक नई बहस छेड़ दी है।

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सरकारी आंकड़ों का खेल? क्यों है मरीजों की संख्या में इतना बड़ा अंतर?

यह मामला तब और भी उलझ जाता है जब हम सरकारी और निजी आंकड़ों की तुलना करते हैं।छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! 

  • जमीनी हकीकत: राजधानी के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा है।

  • सरकारी आंकड़ा: स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में यह संख्या महज 15 बताई जा रही है।

  • वजह: स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वे सिर्फ एलाइजा (ELISA) टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए मरीजों को ही डेंगू पीड़ित मानते हैं। जबकि निजी अस्पताल रैपिड किट से जांच के बाद भी मरीजों को डेंगू पीड़ित बता देते हैं, जिसे विभाग आधिकारिक नहीं मानता। आंबेडकर अस्पताल में सभी जांचें एलाइजा टेस्ट से ही हो रही हैं।

क्यों बढ़ रहा है डेंगू का प्रकोप? फॉगिंग और जागरूकता की कमी

इस साल डेंगू के मामले बढ़ने के पीछे कई बड़े कारण हैं। डॉक्टरों के अनुसार, जुलाई से सितंबर का मौसम डेंगू फैलने के लिए सबसे अनुकूल होता है।छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! 

  • फॉगिंग का अभाव: शहर के कई वार्डों में मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग नहीं हो रही है, जिससे मच्छरों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। यह मामला विधानसभा में भी उठाया जा चुका है।

  • जागरूकता अभियान गायब: पिछले साल नगर निगम ने कूलरों, पुराने टायरों और खाली बर्तनों में जमा साफ पानी को खाली करवाने का अभियान चलाया था। इस साल ऐसा कोई बड़ा अभियान नजर नहीं आ रहा है, जबकि डेंगू का मच्छर (एडीज) साफ पानी में ही पनपता है।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज: तुरंत कराएं जांच

अगर आपको या आपके परिवार में किसी को ये लक्षण दिखें, तो इसे सामान्य बुखार समझने की गलती न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:

  • तेज बुखार: शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंचना।

  • असहनीय सिरदर्द: सिर में तेज और लगातार दर्द बना रहना।

  • बदन दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होना।

  • त्वचा पर चकत्ते: बुखार आने के कुछ दिनों बाद शरीर पर लाल चकत्ते दिखना।

डेंगू से बचाव के 5 अचूक उपाय: विशेषज्ञ की सलाह

आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन प्रोफेसर, डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार, थोड़ी सी सावधानी बरतकर डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! 

  1. पानी जमा न होने दें: घर के अंदर या आसपास किसी भी बर्तन, कूलर, या टायर में साफ पानी जमा न होने दें।

  2. मच्छरदानी का प्रयोग करें: रात में सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं।

  3. पूरे कपड़े पहनें: मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े और फुल पैंट पहनें।

  4. साफ-सफाई रखें: अपने घर और आसपास के इलाके को बिल्कुल साफ रखें।

  5. नियमित फॉगिंग की मांग करें: अपने स्थानीय नगर निगम से नियमित फॉगिंग के लिए कहें।

पिछले साल से कितना अलग है इस बार का खतरा?

साल 2023 में फैले डेंगू की जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला था कि वह डी-1 वेरिएंट था, जो अपेक्षाकृत कम खतरनाक माना जाता है। हालांकि, हर साल डेंगू का खतरा बना रहता है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।छत्तीसगढ़ में डेंगू का कहर: सरकारी आंकड़े 15, हकीकत में 100 पार! 

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