सरपंच को किया गया बर्खास्त
बिलासपुर जिले के मस्तुरी विकासखंड के ग्राम पाराघाट के सरपंच प्रदीप सोनी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकारी और आबादी भूमि पर अवैध कब्जे, गुंडागर्दी और पंचायत राज अधिनियम के उल्लंघन जैसे आरोपों की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई। जिलाबदर सरपंच की बर्खास्तगी: पढ़ें, कैसे घोटाले और अपराधों में उलझा रहा सरपंच प्रदीप सोनी
अवैध कब्जे और घोटाले की पूरी कहानी
जांच के दौरान सामने आया कि सरपंच ने शासकीय भूमि खसरा नंबर 525/1 और अन्य जमीनों पर फ्लाई एश डालकर 30-35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कराया। इस जमीन को चारागाह से बदलकर आबादी पट्टा के रूप में लोगों को वितरित कर दिया गया। जिलाबदर सरपंच की बर्खास्तगी: पढ़ें, कैसे घोटाले और अपराधों में उलझा रहा सरपंच प्रदीप सोनी
ग्रामीणों की शिकायतें और जांच रिपोर्ट
ग्रामीणों और शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सरपंच ने गोचर भूमि और सरकारी जमीन पर भी बेजा कब्जा करवाया। 45 साल पुराने कब्जे को भी हटवाया गया, जिससे गांव में रोष फैल गया। नायब तहसीलदार मस्तुरी और संयुक्त जांच टीम ने ग्रामवासियों की मौजूदगी में इस मामले की पुष्टि की। जिलाबदर सरपंच की बर्खास्तगी: पढ़ें, कैसे घोटाले और अपराधों में उलझा रहा सरपंच प्रदीप सोनी
आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता
सरपंच प्रदीप सोनी पर पिछले 10 वर्षों में मारपीट, जान से मारने की धमकी, गाली-गलौज और गुंडागर्दी जैसे गंभीर अपराधों के आरोप लगे हैं। 2015 से उनकी गतिविधियां गांव में डर और आतंक का माहौल पैदा कर रही थीं। जिलाबदर सरपंच की बर्खास्तगी: पढ़ें, कैसे घोटाले और अपराधों में उलझा रहा सरपंच प्रदीप सोनी
छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक
सरपंच प्रदीप सोनी को पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत दोषी ठहराया गया है। उन्हें पद से हटाने के साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। जिलाबदर सरपंच की बर्खास्तगी: पढ़ें, कैसे घोटाले और अपराधों में उलझा रहा सरपंच प्रदीप सोनी