भांठापारा-बलौदाबाजार

मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार- ‘यह बच्चों की जान से खिलवाड़’, शिक्षा सचिव तलब

मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार- ‘यह बच्चों की जान से खिलवाड़’, शिक्षा सचिव तलब

बलौदाबाजार : मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार, छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा किया हुआ भोजन परोस दिया गया। इस अमानवीय कृत्य पर अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अत्यंत कड़ा रुख अपनाते हुए इसे “बच्चों की जान से खिलवाड़” बताया है और राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया है।

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क्या है इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह पूरा मामला?

यह दिल दहला देने वाली घटना पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर मिडिल स्कूल की है।मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार

  • 28 जुलाई की घटना: स्कूल में बच्चों के लिए बने मिड-डे मील को एक आवारा कुत्ते ने जूठा कर दिया।

  • घोर लापरवाही: इसके बावजूद, स्कूल प्रबंधन और भोजन बनाने वाले समूह ने वही दूषित भोजन 83 मासूम बच्चों को परोस दिया।

  • हड़कंप और वैक्सीनेशन: जब अभिभावकों को इस बात का पता चला तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में गाँव में बैठक बुलाई गई और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें एंटी-रेबीज के टीके लगवाए गए।

मीडिया में खबर के बाद हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

ये भी पढ़े :- सरकारी स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्य से गंभीर खिलवाड़, कुत्ते का जूठा खाना परोसने के बाद 84 छात्रों को लगे एंटी-रेबीज इंजेक्शन

इस गंभीर मामले के मीडिया में सामने आने के बाद, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक विफलता और अमानवीय कृत्य माना है।मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार

‘यह कोई औपचारिकता नहीं’: कोर्ट की तीखी टिप्पणी और 4 बड़े सवाल

हाईकोर्ट ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “बच्चों को दिया जाने वाला मिड-डे मील कोई औपचारिकता नहीं है। यह भोजन उन्हें पूरी गरिमा और सुरक्षा के साथ दिया जाना चाहिए। कुत्ते द्वारा जूठा किया भोजन परोसना सीधे तौर पर बच्चों के जीवन को खतरे में डालना है।”मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार

न्यायालय ने राज्य सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए इन 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा है:

  1. क्या सभी प्रभावित बच्चों को समय पर और सही तरीके से रेबीज वैक्सीन दी गई?

  2. इस घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार शिक्षक और स्व-सहायता समूह पर अब तक क्या कार्रवाई की गई?

  3. क्या पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को कोई उचित मुआवजा दिया गया?

  4. भविष्य में ऐसी शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?

शिक्षा सचिव तलब, 19 अगस्त को देना होगा व्यक्तिगत हलफनामा

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 19 अगस्त 2025 तक व्यक्तिगत हलफनामा (Personal Affidavit) दाखिल करने का सख्त आदेश दिया है। अब पूरे प्रदेश की निगाहें इस तारीख पर टिकी हैं, जब प्रदेश के शीर्ष शिक्षा अधिकारी को कोर्ट के सामने इन गंभीर सवालों का जवाब देना होगा।मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना, छत्तीसगढ़ शर्मसार! हाईकोर्ट की फटकार

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