बीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक पद के लिए कोर्ट ने ठहराया अयोग्य
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने छत्तीसगढ़ में लगभग 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरियों को खतरे में डाल दिया है। कोर्ट ने बीएड (बैचलर इन एजुकेशन) डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, जिससे राज्य में शिक्षकों के बीच चिंता का माहौल है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी पर मंडराए संकट के काले बादल: जानिए क्या है मामला
हाईकोर्ट बिलासपुर का निर्णय
बिलासपुर हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल 2024 को दिए गए अपने निर्णय में डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) धारी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने साफ किया था कि सहायक शिक्षक के पद के लिए केवल डीएलएड धारी ही पात्र होंगे। इस फैसले के बाद राज्य सरकार पर नए आदेश जारी करने का दबाव बढ़ गया है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी पर मंडराए संकट के काले बादल: जानिए क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और संभावित असर
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को पारित अपने आदेश में हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा, जिसमें बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षकों के चयन को निरस्त करने का आदेश दिया गया है। सरकार को छह सप्ताह के भीतर पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी पर मंडराए संकट के काले बादल: जानिए क्या है मामला
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के लिए संकट का समय
छत्तीसगढ़ के कई बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट के निर्णय के बाद उनकी नौकरियां संकट में आ गई हैं। इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों के लिए आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी पर मंडराए संकट के काले बादल: जानिए क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार को जल्द ही नए निर्देश जारी करने होंगे, जिससे प्रदेश के 3 हजार से अधिक सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षा विभाग और प्रभावित शिक्षक इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।