रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर संकट गहरा गया है। इस कार्रवाई से जहां कांग्रेस में हलचल मची हुई है, वहीं पार्टी के कई नेता इसे अंदरूनी संतोष की नजर से देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि सत्ता में रहते हुए भूपेश बघेल ने सिर्फ चुनिंदा करीबियों को ही फायदा पहुंचाया, जबकि अन्य कांग्रेस नेताओं की अनदेखी की गई थी। अब जब घोटाले उजागर हो रहे हैं, तो कई नेता उनसे दूरी बना रहे हैं। भूपेश बघेल के खिलाफ ED की कार्रवाई, सौम्या ने खोले घोटालों के राज!
सत्ता के केंद्र में सौम्या, कई घोटालों की रही गवाह!
कांग्रेस शासन के दौरान सौम्या को “सुपर सीएम” माना जाता था। बड़े-बड़े IAS और IPS अधिकारी भी उनके सामने कुछ कहने से बचते थे। अब सामने आ रहा है कि कोयला, DMF, शराब घोटाला और अन्य भ्रष्टाचार मामलों की जानकारी सौम्या के पास थी। ये सभी घोटाले कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं की संलिप्तता को दर्शाते हैं। बताया जा रहा है कि कमीशन का पूरा सिस्टम सेट था, जहां हर मंत्री, विधायक और नेता को हर महीने तय राशि पहुंचाई जाती थी। भूपेश बघेल के खिलाफ ED की कार्रवाई, सौम्या ने खोले घोटालों के राज!
सूर्यकांत तिवारी: सत्ता परिवर्तन के साथ बदलते समीकरण!
सूर्यकांत तिवारी, जो एक बड़े व्यापारी हैं, का नाम भी इस पूरे मामले में सामने आ रहा है। उनका संपर्क विभिन्न राजनीतिक दलों से रहा है, और वे सत्ता के अनुसार खुद को ढाल लेते थे। फिलहाल वे जेल में हैं और ACB व EOW द्वारा रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं, जिनका संबंध पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से भी जोड़ा जा रहा है। ED ने चैतन्य के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण संदेश और डेटा हासिल किए हैं, जो घोटालों में उनकी भूमिका को उजागर कर सकते हैं। भूपेश बघेल के खिलाफ ED की कार्रवाई, सौम्या ने खोले घोटालों के राज!
भूपेश बघेल का राजनीतिक दांव, कांग्रेस के लिए संकट?
ED की कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं और कांग्रेस को अपने समर्थन में लाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के कई बड़े नेता उनसे दूरी बनाए हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बघेल अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की हार के जिम्मेदार रहे हैं और हाल के चुनावों में उनकी रणनीति पूरी तरह विफल साबित हुई।
कई जानकारों का मानना है कि यदि कांग्रेस नेतृत्व ने जल्द ही फैसला नहीं लिया, तो पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान भूपेश बघेल का समर्थन करता है या उनसे किनारा कर लेता है। भूपेश बघेल के खिलाफ ED की कार्रवाई, सौम्या ने खोले घोटालों के राज!