छत्तीसगढ़ : डायरेक्टरेट ऑफ़ इनफोर्समेंट (ईडी) की हालिया रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़े कई गंभीर खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को 14 अगस्त तक ईडी की हिरासत में रखा गया है।ईडी की रिपोर्ट में शराब घोटाले के गंभीर आरोप: अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी 14 अगस्त तक हिरासत में
अनवर ढेबर का रैकेट और सरकारी तंत्र की भूमिका
ईडी की जांच से पता चलता है कि अनवर ढेबर ने शराब सिंडिकेट चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह शीर्ष नौकरशाह अनिल टुटेजा के साथ मिलकर घोटाले की योजना बनाई और कार्यान्वित की। ढेबर ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को उत्पाद शुल्क विभाग में तैनात किया, जिससे उसकी भूमिका वास्तव में उत्पाद शुल्क मंत्री जैसी हो गई थी। वह पार्ट-ए, बी, सी और एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से रिश्वत वसूलने का पूरा रैकेट चला रहा था। इसके अलावा, सरकारी दुकानों से बेहिसाब अवैध शराब बेचने का भी घोटाला किया गया।ईडी की रिपोर्ट में शराब घोटाले के गंभीर आरोप: अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी 14 अगस्त तक हिरासत में
अरुणपति त्रिपाठी की भूमिका
अरुणपति त्रिपाठी ने सीएसएमसीएल (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड) दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की बिक्री को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने शीर्ष राजस्व उत्पन्न करने वाले जिलों के उत्पाद शुल्क प्रमुखों के साथ बैठक की और योजना के निर्देश दिए। त्रिपाठी ने डुप्लिकेट होलोग्राम की आपूर्ति के लिए व्यवस्था की और शराब की बिक्री से प्राप्त आय में से एक निश्चित राशि प्राप्त की।ईडी की रिपोर्ट में शराब घोटाले के गंभीर आरोप: अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी 14 अगस्त तक हिरासत में
शराब घोटाले की विस्तृत जांच
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि 2019 से 2022 के बीच शराब घोटाले में कई प्रकार के भ्रष्टाचार शामिल थे:
भाग-ए कमीशन: सीएसएमसीएल द्वारा डिस्टिलर्स से खरीदी गई शराब के प्रत्येक मामले में रिश्वत ली गई।
भाग-बी कच्ची शराब बिक्री: बेहिसाब कच्ची देशी शराब की बिक्री की गई, जिससे राज्य के खजाने को कोई लाभ नहीं हुआ।
भाग-सी कमीशन: डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर कार्टेल और बाजार हिस्सेदारी की अनुमति दी गई।
FL-10A लाइसेंस धारकों से कमीशन: विदेशी शराब सेगमेंट में भी कमाई की गई।
ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों ने 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय अर्जित की। पहले ही पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी ने लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को भी जब्त किया है।
आगे की जांच जारी
ईडी की जांच जारी है और इस घोटाले की पूरी तरह से समीक्षा की जा रही है। राज्य के खजाने को हुए भारी नुकसान और अपराधियों की अवैध आय को लेकर कार्रवाई की जा रही है।