मातृभाषा मे शिक्षा सरकार का सराहनीय कदम- विनय बघेल
बालोद। गौरतलब है छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के महामंत्री विनय बघेल ने बताया कि अभी हाल मे हुए मंत्री मंडल के बैठक मे साय सरकार के द्वारा नई शिक्षा निति लागु करने का निर्णय लिया गया है जिसके अंतर्गत कक्षा पहिली से पांचवी तक की प्राथमिक शिक्षा बच्चो की घर की भाषा या मातृभाषा मे देने का निर्णय सरकार का सराहनीय कदम है!
प्राथमिक शिक्षा मे मातृभाषा होने से ना सिर्फ छात्र बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता स्तर मे भी सुधार होगा! उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान मे शिक्षा का स्तर अपनी बदहाली के कगार पर है जहाँ एक ओर सरकारी स्कूलों मे पिछली सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम का ढिंढोरा पिटा गया था, बच्चो पर जबरदस्ती अंग्रेजी भाषा का भार थोपा गया है जिसके कारण बच्चे स्कूलों मे असहज महसूस करते है! जिसके चलते बच्चों का सीख पाना मुश्किल हो गया है! बता दे की आज भी छत्तीसगढ़ राज्य मे शिक्षा का अघोषित माध्यम मातृभाषा छत्तीसगढ़ी है! अब चूंकि वर्तमान सरकार के द्वारा मातृभाषा मे शिक्षा देने का ऐलान किया गया है तो बच्चे बड़ी सहजता से अपनी घर की भाषा मे पढ़ेंगे और सीखेंगे जिससे बच्चो के सिखने की छमता मे वृद्धि होगी! साथ ही बच्चे शिक्षकों से प्रत्यक्ष जुड़ाव भी महसूस करेंगे! उन्होंने आगे बताया कि एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के द्वारा विविध कार्यक्रमो के माध्यम से सरकार पर लगातार दबाव बनाया गया।
जिसको साय सरकार ने भलिभाँति स्वीकार किया और अगले शिक्षा सत्र से पढ़ाने का निर्णय लिया सरकार के इस निर्णय का एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन स्वागत करती है तथा साय सरकार का भी आभार प्रकट करती है साथ ही साथ यह मांग भी करती है कि मातृभाषा को पढ़ाने के लिए मातृभाषा छत्तीसगढ़ी मे एम ए की डिग्री लिए बेरोजगारों को पहिली प्राथमिकता के साथ आगामी शिक्षक भर्ती मे नियुक्ति दी जाए जिससे मातृभाषा मे पठन- पाठन तथा अध्यापन का कार्य सुचारु रूप से संपन्न किया जा सके!