नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्टों में यह मुद्दा सामने आया कि दो अलग-अलग राज्यों के मतदाताओं को एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या (EPIC) आवंटित की गई है। इस पर चुनाव आयोग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि चाहे EPIC नंबर समान हो, लेकिन हर मतदाता सिर्फ अपने राज्य के निर्धारित मतदान केंद्र पर ही मतदान कर सकता है, जहां उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज होता है। सोशल मीडिया पर चर्चा में आई रिपोर्टों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, मतदाता पहचान पत्र को लेकर दी बड़ी जानकारी
अब मिलेगा यूनिक EPIC नंबर
चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र से जुड़े संदेह को दूर करने के लिए “यूनिक EPIC नंबर” जारी करने का फैसला लिया है। आयोग का कहना है कि भले ही कुछ मतदाताओं के EPIC नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन उनका जनसांख्यिकीय विवरण, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र अलग-अलग होते हैं। सोशल मीडिया पर चर्चा में आई रिपोर्टों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, मतदाता पहचान पत्र को लेकर दी बड़ी जानकारी
मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि डुप्लिकेट EPIC नंबर होने का अर्थ यह नहीं है कि मतदाता फर्जी है। यह समस्या पुरानी विकेंद्रीकृत और मैन्युअल प्रणाली के कारण उत्पन्न हुई है, जिसके तहत कुछ राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालयों ने एक ही अल्फान्यूमेरिक EPIC सीरीज का उपयोग किया। सोशल मीडिया पर चर्चा में आई रिपोर्टों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, मतदाता पहचान पत्र को लेकर दी बड़ी जानकारी
E-RONET 2.0 से होगा सुधार
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र की दोहराव की समस्या को हल करने के लिए E-RONET 2.0 प्लेटफॉर्म को अपडेट किया जाएगा। जिन मतदाताओं के EPIC नंबर समान हैं, उन्हें अब यूनिक EPIC नंबर जारी किया जाएगा। सोशल मीडिया पर चर्चा में आई रिपोर्टों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, मतदाता पहचान पत्र को लेकर दी बड़ी जानकारी
विपक्षी दलों ने उठाए थे सवाल
विपक्षी दलों ने EPIC नंबर डुप्लिकेशन को लेकर आपत्ति जताई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने कहा कि यह समस्या पुरानी प्रणाली के कारण थी और अब इसे नए डिजिटल सुधारों के जरिए हल किया जाएगा। सोशल मीडिया पर चर्चा में आई रिपोर्टों पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, मतदाता पहचान पत्र को लेकर दी बड़ी जानकारी