बैंक लॉकर को भूल जाइए! गोल्ड ओवरड्राफ्ट है ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगी आपकी ज्वेलरी को 100% गारंटी
बैंक लॉकर में चोरी होने पर मिलता है सीमित मुआवजा, जबकि गोल्ड ओवरड्राफ्ट में बैंक लेता है पूरी जिम्मेदारी। समझिए लॉकर और ओवरड्राफ्ट के बीच का पूरा गणित और चुनें बेहतर विकल्प।

नई दिल्ली। बैंक लॉकर को भूल जाइए! गोल्ड ओवरड्राफ्ट है ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगी आपकी ज्वेलरी को 100% गारंटी, सोने की ज्वेलरी को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादातर लोग बैंक लॉकर को सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक और बैंकिंग सुविधा है जो न केवल आपके सोने को 100% सुरक्षा देती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर आपको बिना सोना बेचे पैसे भी मुहैया करा सकती है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं गोल्ड ओवरड्राफ्ट (Gold Overdraft) सुविधा की, जो बैंक लॉकर की लंबी वेटिंग लिस्ट, छिपी शर्तों और सीमित सुरक्षा की समस्याओं का एक बेहतरीन समाधान हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ शर्तों के साथ गोल्ड ओवरड्राफ्ट, पारंपरिक बैंक लॉकर के मुकाबले एक ज्यादा स्मार्ट और किफायती विकल्प है।गोल्ड ओवरड्राफ्ट है ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगी आपकी ज्वेलरी को 100% गारंटी
क्या है गोल्ड ओवरड्राफ्ट और यह कैसे काम करता है?
गोल्ड ओवरड्राफ्ट एक प्रकार की लोन सुविधा है, जिसमें आप अपनी सोने की ज्वेलरी को सिक्योरिटी के तौर पर बैंक के पास जमा करते हैं। बैंक इस सोने को अपने हाई-सिक्योरिटी वॉल्ट में रखता है और उसकी कीमत के आधार पर आपके लिए एक ओवरड्राफ्ट लिमिट तय कर देता है।गोल्ड ओवरड्राफ्ट है ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगी आपकी ज्वेलरी को 100% गारंटी
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आपको इस पर तब तक कोई ब्याज नहीं देना होता, जब तक आप उस लिमिट में से पैसे नहीं निकालते। यानी, आपका सोना बैंक में पूरी तरह सुरक्षित है और आपको एक इमरजेंसी फंड भी मिल जाता है। अगर आप पैसे नहीं निकालते हैं, तो यह सिर्फ एक सेफ्टी डिपॉजिट की तरह काम करता है, जिसके लिए आपको सिर्फ मामूली प्रोसेसिंग फीस (1-2%), स्टाम्प ड्यूटी (लगभग ₹600) और वैल्यूएशन चार्ज (लगभग ₹500) देना होता है।गोल्ड ओवरड्राफ्ट है ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगी आपकी ज्वेलरी को 100% गारंटी
सुरक्षा की गारंटी: लॉकर बनाम गोल्ड ओवरड्राफ्ट
यह सबसे महत्वपूर्ण पहलू है जहां गोल्ड ओवरड्राफ्ट, बैंक लॉकर से कहीं आगे निकल जाता है।
बैंक लॉकर की हकीकत: RBI के नियमों के अनुसार, चोरी, आग या बैंक स्टाफ की गलती से हुए नुकसान की स्थिति में बैंक की जिम्मेदारी सीमित होती है। बैंक आपको लॉकर के वार्षिक किराए का अधिकतम 100 गुना ही मुआवजा देगा। उदाहरण के लिए, अगर आपके लॉकर का किराया ₹5,000 सालाना है, तो उसमें 50 लाख का सोना होने पर भी आपको अधिकतम ₹5 लाख का ही मुआवजा मिलेगा। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती।
गोल्ड ओवरड्राफ्ट का फायदा: इस सुविधा में बैंक आपके सोने का मूल्यांकन करता है और उसे अपने रिकॉर्ड में दर्ज करता है। इसलिए, आपका सोना बैंक की सीधी जिम्मेदारी बन जाता है। बैंक आपके सोने की 100% सुरक्षा की गारंटी लेता है, क्योंकि यह उसके लिए एक सिक्योरिटी है।
गोल्ड ओवरड्राफ्ट की कुछ सीमाएं भी जानें
हालांकि यह एक बेहतरीन विकल्प है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें भी हैं:
लोन प्रोडक्ट: यह एक लोन सुविधा है। यदि आप ओवरड्राफ्ट से निकाली गई राशि समय पर नहीं चुकाते हैं, तो बैंक को आपकी ज्वेलरी नीलाम करने का कानूनी अधिकार होता है।
ब्याज दर: यदि आप पैसे निकालते हैं, तो इस पर लगने वाला ब्याज गोल्ड लोन से 1% तक अधिक हो सकता है।
उपलब्धता: यह सुविधा अभी सभी बैंकों में उपलब्ध नहीं है, इसलिए आपको कुछ चुनिंदा बैंकों से संपर्क करना पड़ सकता है।









