दंतेवाड़ा : बस्तर में पत्रकारिता करना दोधारी तलवार पर चलने जैसा है। सच उजागर करने की कीमत यहां या तो जान देकर चुकानी पड़ती है या फिर फर्जी मामलों में फंसकर। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब चार पत्रकारों को पुलिस और रेत तस्करों ने मिलकर एनडीपीएस (NDPS) मामले में फंसा दिया। पत्रकारों की कार में गांजा रखवाकर, उन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस से गिरफ्तार करवा दिया गया।फर्जी एनडीपीएस मामले में फंसाए गए चार पत्रकार, राज्यपाल से निष्पक्ष जांच की मांग
वायरल वीडियो से नया मोड़
इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पत्रकारों की कार के पास कुछ संदिग्ध लोग नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ये लोग कार के डोर हैंडल के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। पत्रकार इस वीडियो को अपनी मासूमियत साबित करने का अहम सबूत मान रहे हैं और इस वीडियो के आधार पर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।फर्जी एनडीपीएस मामले में फंसाए गए चार पत्रकार, राज्यपाल से निष्पक्ष जांच की मांग
टीआई की संदिग्ध भूमिका
कोंटा टीआई अजय सोनकर की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध मानी जा रही है। जब पत्रकारों की गिरफ्तारी की गई, तो टीआई को तुरंत लाइन अटैच कर दिया गया। अगर टीआई की भूमिका संदेहास्पद नहीं थी, तो उन्हें तुरंत हटाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसके साथ ही, रेत उत्खनन पर जिला प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई, जिससे पूरे सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं।फर्जी एनडीपीएस मामले में फंसाए गए चार पत्रकार, राज्यपाल से निष्पक्ष जांच की मांग
वरिष्ठ पत्रकारों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, बस्तर के वरिष्ठ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर कई सवाल खड़े किए हैं। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश महापात्र ने इसे बेहद हास्यास्पद और शर्मनाक करार देते हुए पुलिस की इस कार्रवाई पर आत्ममंथन की मांग की है। उनका कहना है कि पत्रकारों को फंसाने में छत्तीसगढ़ पुलिस की संलिप्तता पर संदेह बढ़ रहा है।फर्जी एनडीपीएस मामले में फंसाए गए चार पत्रकार, राज्यपाल से निष्पक्ष जांच की मांग
गायब सीसीटीवी फुटेज
मामले में संदेह तब और बढ़ गया जब पत्रकारों के लॉज में रुके समय की सीसीटीवी फुटेज गायब पाई गई। आंध्र पुलिस को सौंपी गई हार्ड डिस्क भी करप्ट पाई गई है। यह बात पुलिस की संलिप्तता पर और भी सवाल खड़े करती है।फर्जी एनडीपीएस मामले में फंसाए गए चार पत्रकार, राज्यपाल से निष्पक्ष जांच की मांग
निष्पक्ष जांच की मांग
इस मामले में पत्रकारों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।