भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल, पुलिस की बड़ी कार्रवाई
दुर्ग: उतई स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ट्रेनिंग सेंटर में भर्ती प्रक्रिया के दौरान फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। फिजिकल परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों से जुड़े मामलों के बाद अब ट्रेनिंग सेंटर में भी फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में विनय यादव नामक युवक को गिरफ्तार किया है। दुर्ग: सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
- फिजिकल परीक्षा में गड़बड़ी:
- पहले ही फिजिकल परीक्षा के दौरान फर्जी दस्तावेजों के साथ 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 6 अभ्यर्थी और 2 दलाल शामिल थे।
- ट्रेनिंग के दौरान फर्जी अभ्यर्थी:
- ट्रेनिंग सेंटर में चयनित अभ्यर्थी सन्नी कुमार की जगह विनय यादव नामक युवक ट्रेनिंग देने पहुंचा।
- सीआईएसएफ अधिकारियों को शक होने पर दस्तावेजों और फोटो का मिलान किया गया। दुर्ग: सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
जांच में क्या मिला?
- आरोपी की पहचान: विनय यादव, निवासी फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश।
- दलाल की भूमिका: आरोपी ने स्वीकार किया कि उसे 4-5 लाख रुपये में ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया था।
- अधिकारियों की सतर्कता: सीआईएसएफ अधिकारियों ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। दुर्ग: सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस की कार्रवाई
- आरोपी गिरफ्तार: उतई थाने में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
- अन्य आरोपियों की खोज: पुलिस अब फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य दलालों और अभ्यर्थियों की तलाश कर रही है। दुर्ग: सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
फर्जीवाड़े पर सवाल
- क्या भर्ती प्रक्रिया में और गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं?
- दलालों का नेटवर्क कितना बड़ा है?
- सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे? दुर्ग: सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार