लाखों की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि
रायगढ़ : जिले के घरघोड़ा जनपद अंतर्गत बैहामुड़ा पंचायत के सरपंच नृपत सिंह राठिया और सचिव अशोक चौहान पर भ्रष्टाचार कर लाखों के गबन की शिकायत के बाद हुई जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। जांच टीम ने सरपंच और सचिव को वित्तीय अनियमितता के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कार्यवाही और राशि की वसूली का प्रस्ताव दिया है।घरघोड़ा: बैहामुड़ा सरपंच-सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध, भ्रष्टाचार की कई गड़बड़ियाँ उजागर
ग्रामवासियों की लड़ाई लाई रंग
ग्राम पटेल सनत राम राठिया के नेतृत्व में ग्राम के जागरूक नागरिकों ने ग्राम पंचायत में चल रही अनियमितताओं के खिलाफ ज्ञापन से लेकर सड़क तक संघर्ष किया। इसके परिणामस्वरूप 6 जून को शिकायत दर्ज की गई और 4 जुलाई को जांच प्रारंभ हुई।घरघोड़ा: बैहामुड़ा सरपंच-सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध, भ्रष्टाचार की कई गड़बड़ियाँ उजागर
जांच टीम की सिफारिशें
तीन सदस्यीय जांच टीम, जिसमें उप संचालक पंचायत, वरिष्ठ लेखा अधिकारी और कार्यालय अधीक्षक जिप रायगढ़ शामिल थे, ने वित्तीय अनियमितता की पुष्टि की। जांच में पाया गया कि चार लाख तेरह हजार एक सौ रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई है, जिसका 50% राशि सरपंच नृपत सिंह राठिया से और 50% राशि सचिव अशोक चौहान से वसूली जाएगी।घरघोड़ा: बैहामुड़ा सरपंच-सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध, भ्रष्टाचार की कई गड़बड़ियाँ उजागर
सरपंच की पत्नी को तालाब का ठेका
जांच में यह भी सामने आया कि सरपंच नृपत सिंह राठिया ने अपनी पत्नी को तालाब का ठेका दे दिया था। इस ठेके के लिए कोई आधिकारिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए, लेकिन लीज राशि जमा की रसीद दी गई। इसके अलावा, 5000 रुपये से अधिक की राशियों का भुगतान भी नगद किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।घरघोड़ा: बैहामुड़ा सरपंच-सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध, भ्रष्टाचार की कई गड़बड़ियाँ उजागर
आगे की कार्यवाही पर सवाल
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले पर कितनी गंभीरता से और क्या कार्यवाही करता है। वित्तीय अनियमितता की पुष्टि के बाद सरपंच और सचिव से राशि वसूलने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन इसके अलावा विभागीय और प्रशासकीय कार्यवाही कितनी कठोर या लचीली होगी, इसका सभी को इंतजार है।घरघोड़ा: बैहामुड़ा सरपंच-सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध, भ्रष्टाचार की कई गड़बड़ियाँ उजागर
घरघोड़ा के बैहामुड़ा पंचायत में सरपंच और सचिव द्वारा वित्तीय अनियमितता की पुष्टि की घटना को विस्तार से कवर किया गया है, जिसमें जांच टीम की सिफारिशें, ग्रामवासियों की लड़ाई और आगे की कार्यवाही पर सवाल शामिल हैं।