दुबई का सोना, बांग्लादेशी रूट, छत्तीसगढ़ कनेक्शन: ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज, राजनांदगांव था ‘सेफ जोन’
मुख्य बातें:
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े गोल्ड स्मगलिंग रैकेट पर शिकंजा कसते हुए दो तस्करों की ₹3.76 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
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यह सिंडिकेट दुबई से वाया बांग्लादेश ₹260 करोड़ से ज्यादा का सोना छत्तीसगढ़ में खपा चुका है।
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राजनांदगांव को तस्करों ने अपना मुख्य अड्डा और सेफ ठिकाना बना रखा था।
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अब तक इस मामले में कुल ₹64 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त/अटैच हो चुकी है।
रायपुर: ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट की कमर तोड़ दी है। ED ने PMLA एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए रैकेट के दो प्रमुख सदस्यों, सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवले की 3.76 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है, जिसमें फ्लैट, जमीनें और बैंक बैलेंस शामिल हैं।
यह कार्रवाई उस जांच का हिस्सा है जिसमें खुलासा हुआ है कि इस सिंडिकेट ने दुबई से अवैध तरीके से लाया गया ₹260 करोड़ से अधिक का सोना-चांदी छत्तीसगढ़ के बाजारों में खपाया है। ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज
कैसे काम करता था यह गोल्ड सिंडिकेट? (The Modus Operandi)
ED और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की जांच ने इस सिंडिकेट के काम करने के हैरान करने वाले तरीके का पर्दाफाश किया है।
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रूट: सोना दुबई से सीधे भारत नहीं आता था। इसे पहले म्यांमार या बांग्लादेश भेजा जाता था।
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एंट्री पॉइंट: बांग्लादेश-भारत बॉर्डर से इसे नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों के जरिए भारत में दाखिल कराया जाता था।
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छत्तीसगढ़ हब: यहां से ‘कैरियर’ (तस्कर) ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से सोना लेकर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पहुंचते थे, जो इस रैकेट का मुख्य केंद्र था।
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डिस्ट्रीब्यूशन: राजनांदगांव से यह सोना रायपुर, दुर्ग समेत प्रदेश के अन्य जिलों के बड़े और नामचीन ज्वेलर्स को बेचा जाता था।
सचिन केदार इस नेटवर्क का एक अहम मोहरा था, जो कोलकाता से सोना लेकर रायपुर, नागपुर और मुंबई तक पहुंचाने का काम करता था। ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज
कैसे खुला था यह पूरा मामला?
इस विशाल रैकेट का भंडाफोड़ अप्रैल 2021 में हुआ था, जब DRI ने कोलकाता एयरपोर्ट पर दो तस्करों को पकड़ा। उनकी कमर पर बंधी बेल्ट से दुबई का सोना गिरने लगा था। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि यह सोना राजनांदगांव के “मोहनी ज्वेलर्स” को सप्लाई करना था। ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज
इसी सुराग के आधार पर DRI ने 1 मई, 2021 को राजनांदगांव में जसराज शांतिलाल बैद के घर पर छापा मारा। यहीं से इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ, जिसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की निकला, जो दुबई से भारत तक इस तस्करी के नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था। ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज
क्यों बन रहा छत्तीसगढ़ तस्करों का ‘गोल्ड कॉरिडोर’?
आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे सोने के तस्करों के लिए सिर्फ एक बाजार ही नहीं, बल्कि एक ‘गोल्ड कॉरिडोर’ बनता जा रहा है। यहां से सोना महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी सप्लाई किया जा रहा है। DRI के मुताबिक, पिछले 8 सालों में छत्तीसगढ़ से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का अवैध सोना-चांदी जब्त किया गया है। रायपुर में DRI का ज़ोनल ऑफिस खुलने के बाद से इस तरह की गतिविधियों पर लगाम कसने में तेजी आई है और 25 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई हो चुकी है। ED ने खोला ₹260 करोड़ के गोल्ड सिंडिकेट का राज