पाटन, गुजरात: एक साधारण मिस्त्री के लिए वह दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं था, जब उसे 1.96 करोड़ रुपये का जीएसटी टैक्स नोटिस मिला। यह मामला गुजरात के पाटन जिले के दूदखा गांव के रहने वाले सुनील सथवारा का है। महज 16-17 हजार रुपये मासिक कमाने वाले सुनील के नाम पर 11 कंपनियां चलाई जा रही थीं, जिनके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। मिस्त्री को 1.96 करोड़ का जीएसटी नोटिस, फर्जीवाड़े का हुआ पर्दाफाश
कैसे खुला फर्जीवाड़े का राज?
सुनील सथवारा अहमदाबाद में छोटे-मोटे मिस्त्री का काम करते हैं। जब उन्हें बेंगलुरु जीएसटी विभाग से भारी-भरकम टैक्स नोटिस मिला, तो उन्होंने वकील से संपर्क किया।
- ऑनलाइन जांच में हुआ खुलासा:
वकील ने सुनील के जीएसटी नंबर की जांच की, तो पता चला कि उनके नाम पर देश के 11 राज्यों में कंपनियां रजिस्टर हैं। - जिन राज्यों में कंपनियां हैं:
उत्तर प्रदेश (अयोध्या, अलीगढ़), अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र (नागपुर), कर्नाटक, तमिलनाडु, और अंडमान निकोबार। मिस्त्री को 1.96 करोड़ का जीएसटी नोटिस, फर्जीवाड़े का हुआ पर्दाफाश
दस्तावेजों का फर्जी उपयोग
जांच में यह बात सामने आई कि सुनील के नाम पर नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया।
- ये कंपनियां असल में चल रही हैं या सिर्फ कागजों पर हैं, यह जांच का विषय है।
- सुनील ने इस फर्जीवाड़े को लेकर गृह विभाग और क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। मिस्त्री को 1.96 करोड़ का जीएसटी नोटिस, फर्जीवाड़े का हुआ पर्दाफाश
जांच का जिम्मा सीआईडी क्राइम के पास
अब इस मामले की जांच गांधीनगर सीआईडी क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है।
- प्रमुख सवाल:
- असली आरोपी कौन है?
- 11 कंपनियां किस उद्देश्य से बनाई गईं?
- क्या यह एक बड़ा रैकेट है? मिस्त्री को 1.96 करोड़ का जीएसटी नोटिस, फर्जीवाड़े का हुआ पर्दाफाश