छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

CG News: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लगभग 16,000 संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम और मंत्रियों के मुखौटे पहनकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया और चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
अस्पतालों में ताले, मरीज बेहाल: हड़ताल का चौतरफा असर
इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर राज्य की आम जनता पर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के उप-स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटक गए हैं। शहरों में भी ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाओं तक सब कुछ प्रभावित है।छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल
इलाज के लिए भटक रहे मरीज: ब्लड शुगर, बलगम जांच, ट्रूनाट और नेत्र परीक्षण जैसी जरूरी जांचें बंद हैं।
प्रसव और नवजात देखभाल ठप: संस्थागत प्रसव और नवजात शिशु वार्ड बंद होने से गर्भवती महिलाओं और नवजातों की जान पर बन आई है।
गंभीर बीमारियों के मरीज परेशान: टीबी, मलेरिया और कुष्ठ रोग के मरीजों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं।
टीकाकरण पर रोक: बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कार्यक्रम पूरी तरह रुक गया है।
मंत्रियों के मुखौटे पहनकर अनोखा प्रदर्शन, याद दिलाई ‘मोदी की गारंटी’
मंगलवार को हड़ताली कर्मचारियों ने अपने गुस्से का इजहार करने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने डिप्टी सीएम अरुण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुखौटे पहनकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि चुनाव से पहले बीजेपी ने ‘मोदी की गारंटी’ के तहत 100 दिनों में उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है।छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल
क्या हैं स्वास्थ्यकर्मियों की मुख्य मांगें?
कर्मचारी 10-सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
नियमितीकरण: सभी संविदा कर्मचारियों का तत्काल नियमितीकरण या संविलियन किया जाए।
वेतन वृद्धि: पूर्व सरकार द्वारा घोषित 27% वेतन वृद्धि का आदेश जारी हो।
ग्रेड पे: सभी कर्मचारियों के लिए ग्रेड पे लागू किया जाए।
अन्य सुविधाएं: मेडिकल अवकाश, बीमा और अनुकंपा नियुक्ति जैसे लाभ दिए जाएं।
कर्मचारी संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल









