
हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’
हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे नर्सरी स्कूलों के मुद्दे पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि गली-मोहल्लों में स्कूल खोलकर कमाई करने वाले मालिक मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियों में घूम रहे हैं, जबकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
“पान की दुकान की तरह चल रहे स्कूल”
मुख्य न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में कहा, “यह क्या मजाक है? पान की दुकानों की तरह बिना किसी मान्यता के नर्सरी स्कूल चलाए जा रहे हैं।” उन्होंने सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि स्कूल संचालकों को बचाने के लिए समितियां बनाई जाती हैं और जल्दबाजी में शपथ पत्र दाखिल कर दिए जाते हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि यह बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा एक गंभीर अपराध है।हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’
नियम बदलने की कोशिश पर भड़का कोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान, शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया। इसमें बताया गया कि एक पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर 2013 के उस नियम को रद्द करने का प्रस्ताव है, जिसके तहत नर्सरी स्कूलों के लिए मान्यता अनिवार्य की गई थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश भड़क गए और उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कोई भी बदलाव भविष्य की तारीख से लागू होगा, न कि बीते समय से। जो अपराध पहले हो चुका है, उसे नए नियम से खत्म नहीं किया जा सकता।हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’
शिक्षा सचिव की छुट्टी पर तल्ख टिप्पणी
जब अदालत को बताया गया कि शिक्षा सचिव छुट्टी पर हैं, तो मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि वे कब तक वापस आएंगे। इस पर जब अनिश्चितता जताई गई तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, “वह तो हमारे डर से 30 दिन की छुट्टी पर चले जाएंगे। उनसे बहुत कुछ संभाले नहीं संभल रहा है।” कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला इतना संवेदनशील है कि इसे टाला नहीं जा सकता और 13 अगस्त तक नया शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’
“12 साल के फ्रॉड पर हो सख्त कार्रवाई”
कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब 2013 से नर्सरी स्कूलों के लिए मान्यता का नियम था, तो पिछले 12 सालों से ये स्कूल बिना मान्यता के कैसे चलते रहे? मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जिन लोगों ने 12 साल तक बिना मान्यता के स्कूल चलाए, उन्होंने बच्चों और उनके माता-पिता के साथ धोखाधड़ी की है। उनके खिलाफ कार्रवाई करें और हमें रिपोर्ट दें। हम बच्चों के भविष्य के साथ किसी को खेलने नहीं देंगे।”हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’
‘क्या बड़े लोगों को बचाने के लिए बनती है पॉलिसी?’
मुख्य न्यायाधीश ने सरकार की नीति-निर्माण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “जब हमने मामले का संज्ञान लिया, तब आपको नियमों की याद आई। 25 जुलाई को कमेटी बनी और दो दिन में रिपोर्ट भी आ गई।” उन्होंने सरकारी वकील से नाराजगी जताते हुए कहा, “आप लोगों का विजन ही क्लियर नहीं है। आप ऐसी पॉलिसी क्यों बनाते हैं जिससे बड़े और प्रभावशाली लोग बच जाएं? जब आपने देखा कि इन स्कूल मालिकों पर कार्रवाई होगी, मुआवजा देना पड़ेगा और आपराधिक केस बनेगा, तो आपने उन्हें बचाने के लिए कह दिया कि मान्यता की जरूरत ही नहीं है।”हाईकोर्ट की बड़ी फटकार: ‘मर्सिडीज में घूम रहे स्कूल मालिक, बच्चों का भविष्य कर रहे बर्बाद’









