अनुकंपा नियुक्ति के मामले में हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) और होम सिकरेट्री को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि 13 नवंबर 2020 को जारी डीजीपी के सर्कुलर के अनुसार, याचिकाकर्ता को ASI (M) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। हाई कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के आवेदन का निराकरण करने का आदेश दिया है। डीजीपी के सर्कुलर की अनदेखी पर हाई कोर्ट सख्त: होम सिकरेट्री और डीजीपी को 28 दिन में आदेश पालन का निर्देश
मामला क्या है?
अलबेलापारा कांकेर निवासी मुरलीधर सिन्हा के पुत्र पंकज सिन्हा ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय और पीएस निकिता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में बताया गया कि उनके पिता नारायणपुर जिले में आरक्षक (कांस्टेबल) के पद पर पदस्थ थे। वर्ष 2007 में एक नक्सल ऑपरेशन के दौरान उनकी शहादत हुई थी। उन्हें शहीद का दर्जा भी दिया गया।
पिता की मृत्यु के समय पंकज सिन्हा नाबालिग थे, जिस कारण उन्हें बाल आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली। 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद उन्होंने ASI (M) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीजीपी के सर्कुलर की अनदेखी पर हाई कोर्ट सख्त: होम सिकरेट्री और डीजीपी को 28 दिन में आदेश पालन का निर्देश
अधिवक्ता पांडेय ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 13 नवंबर 2020 को डीजीपी रायपुर ने एक सर्कुलर जारी किया था। इसके अनुसार, नक्सली जिलों में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के विधिक वारिसों को उनकी इच्छानुसार ASI (M) या आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता के मामले में इस सर्कुलर का पालन नहीं किया गया और पुलिस अधिकारियों ने इसका सीधा उल्लंघन किया। डीजीपी के सर्कुलर की अनदेखी पर हाई कोर्ट सख्त: होम सिकरेट्री और डीजीपी को 28 दिन में आदेश पालन का निर्देश
हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद होम सिकरेट्री और डीजीपी को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता को ASI (M) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
साथ ही, याचिकाकर्ता को नए सिरे से अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों अधिकारी चार सप्ताह के भीतर इस मामले का निराकरण करें। डीजीपी के सर्कुलर की अनदेखी पर हाई कोर्ट सख्त: होम सिकरेट्री और डीजीपी को 28 दिन में आदेश पालन का निर्देश