विदेश

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता, सीमा पर शांति की उम्मीद

तुर्की और कतर की मध्यस्थता से तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम, निगरानी तंत्र स्थापित करने पर बनी सहमति

इस्तांबुल: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता, सीमा पर शांति की उम्मीद. दक्षिण एशिया में तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तुर्की और कतर की मध्यस्थता में इस्तांबुल में हुई बहु-दिवसीय वार्ताओं के बाद सीजफायर बनाए रखने और सीमा पर एक संयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई है। इस समझौते को दोनों पड़ोसी देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद और झड़पों के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।

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25 से 30 अक्टूबर तक चली इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य 18-19 अक्टूबर को दोहा में हुए अस्थायी सीजफायर को मजबूत करना था। तुर्की के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने सीजफायर को जारी रखने का वादा किया है और शांति की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी और सत्यापन तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई है। बयान के अनुसार, किसी भी उल्लंघन पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो सीमा पर भविष्य की झड़पों को रोकने में मदद करेगा। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता

इस समझौते पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ और अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने दोहा में ही हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता अक्टूबर में हुई हिंसक झड़पों के बाद आया है, जिसमें दोनों तरफ दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे समूहों पर अफगानिस्तान से हमले का आरोप लगाया था, जबकि तालिबान ने पाकिस्तानी हवाई हमलों का हवाला दिया था। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता

वार्ताओं में प्रगति के बावजूद, लंबी अवधि के समाधान पर अभी भी असहमति बनी हुई है। पाकिस्तान का मुख्य मुद्दा टीटीपी जैसे उग्रवादी समूहों के खिलाफ अफगानिस्तान की कार्रवाई है, जबकि अफगान पक्ष ने पाकिस्तान पर सीमा उल्लंघन का आरोप लगाया। तुर्की और कतर की मध्यस्थता ने हाल ही में वार्ताओं को पटरी पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब मंगलवार को चर्चाएं विफल होने की कगार पर पहुंच गई थीं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता

अगले चरण में वरिष्ठ अधिकारियों की एक और महत्वपूर्ण बैठक 6 नवंबर को इस्तांबुल में होगी, जिसमें सीजफायर के कार्यान्वयन की प्रक्रियाओं पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इस प्रयास के लिए कतर का आभार व्यक्त किया और क्षेत्रीय शक्तियों जैसे ईरान, रूस, चीन से अपील की कि सभी को मिलकर उग्रवाद को रोकने के लिए काम करना होगा। यह समझौता न केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति स्थापित करने में मदद करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में ऐतिहासिक सीजफायर समझौता

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