खारुन नदी संरक्षण की विशाल पहल: छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेतृत्व में पाँच दिवसीय पदयात्रा का आगाज़
जनभावना का ज्वार सोमनाथ घाट पर
रविवार को खारुन और शिवनाथ नदियों के पवित्र संगम स्थल, सोमनाथ घाट (लखना) पर, एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के आह्वान पर खारुन क्षेत्र के हजारों निवासी, मरणासन्न खारुन नदी की दयनीय स्थिति से व्यथित और आक्रोशित होकर, इसके तट पर एकत्रित हुए। यह जमावड़ा एक मेले जैसा प्रतीत हो रहा था, किन्तु इसके पीछे नदी को बचाने की एक गंभीर चिंता और संकल्प था।खारुन नदी संरक्षण की विशाल पहल
“खारुन दाई आजादी पदयात्रा”: एक संकल्पित शुरुआत
नदी को पुनर्जीवित करने के दृढ़ संकल्प के साथ, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं, स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने भगवान सोमनाथ को जल अर्पित कर पाँच दिवसीय ‘खारुन दाई आजादी पदयात्रा’ का शुभारंभ किया। यह पदयात्रा खारुन नदी के अस्तित्व को बचाने और उसके गौरव को पुनर्स्थापित करने की एक महत्वपूर्ण मुहिम है।खारुन नदी संरक्षण की विशाल पहल
पदयात्रा के मुख्य उद्देश्य: खारुन का पुनरुद्धार
इस जन-आंदोलन का प्राथमिक लक्ष्य खारुन नदी के जल के अनियंत्रित और विनाशकारी औद्योगिक दोहन को तत्काल प्रभाव से रोकना है। इसके अतिरिक्त, यात्रा का उद्देश्य हैं:
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नदी को सभी प्रकार के प्रदूषण से पूर्णतः मुक्त करना।
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नदी के प्राकृतिक जैविक चक्र और पारिस्थितिकी तंत्र को उसकी पूर्व अवस्था में पुनर्जीवित करना।
जन-जागरण और समर्थन: एक सामूहिक प्रयास
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारियों के अनुसार, यात्रा के दौरान नदी किनारे बसे गांवों में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। इन सभाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ के निवासियों को उनके पर्यावरण से जुड़े मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत किया जाएगा और उन्हें नदी संरक्षण के इस महाअभियान से जोड़ा जाएगा। क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय यादव के नेतृत्व में सैकड़ों ‘क्रांति सैनिक’ इस पदयात्रा में शामिल हैं, जो दर्शाता है कि यह आंदोलन जमीनी स्तर पर कितना मजबूत है। इस महत्वपूर्ण पहल को क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी’ का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त है, जिससे आंदोलन को और बल मिला है।खारुन नदी संरक्षण की विशाल पहल
यात्रा का समापन: विश्व पर्यावरण दिवस पर एक संदेश
यह ऐतिहासिक पदयात्रा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रायपुर स्थित महादेव घाट पर संपन्न होगी। यह तिथि इस मुहिम को एक विशेष महत्व प्रदान करती है, जो पर्यावरण संरक्षण की वैश्विक चेतना के साथ स्थानीय संघर्ष को जोड़ती है।खारुन नदी संरक्षण की विशाल पहल