धमतरी, छत्तीसगढ़। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना धमतरी जिले के चरोटा गांव में सामने आई, जहां एक नवजात शिशु को यूरिया खाद की प्लास्टिक बोरी में भरकर नाले के पास फेंक दिया गया। सुबह-सुबह ग्रामीणों ने नाले के पास बच्चे के रोने की आवाज सुनी, जिससे इस अमानवीय घटना का खुलासा हुआ। मानवता शर्मसार: नाले में मिला नवजात, मितानिन की सूझबूझ से बची जान
मितानिन की तत्परता से मिली नई जिंदगी
गांव में घटना की खबर फैलते ही मौके पर मितानिन पहुंचीं और नवजात को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में बच्चे को गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरू किया।
डॉ. अखिलेश देवांगन ने बताया कि नवजात का शरीर बेहद ठंडा हो गया था, और उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। समय पर मिले उपचार से अब उसकी स्थिति स्थिर है। मानवता शर्मसार: नाले में मिला नवजात, मितानिन की सूझबूझ से बची जान
गांव में मचा हड़कंप
इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि कोई इतनी निर्दयता से मासूम बच्चे को कैसे फेंक सकता है। हालांकि, मितानिन और डॉक्टरों की तत्परता ने इस घटना को एक सकारात्मक मोड़ दिया और नवजात की जान बचा ली। मानवता शर्मसार: नाले में मिला नवजात, मितानिन की सूझबूझ से बची जान
समाज को एक संदेश
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी और सोचने का विषय है। बच्चों के प्रति इस तरह की क्रूरता को रोकने के लिए समाज को जागरूक और संवेदनशील बनना होगा। मानवता शर्मसार: नाले में मिला नवजात, मितानिन की सूझबूझ से बची जान