दुर्ग, छत्तीसगढ़: जिले में चेक बाउंस के दो अलग-अलग मामलों में न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाते हुए पति-पत्नी को सजा सुनाई है। यह मामला बैंक से ऋण लेने और भुगतान के लिए चेक जारी करने के बाद खाते में धनराशि की अनुपलब्धता के कारण चेक अनादरित होने का है। चेक बाउंस के मामलों में पति-पत्नी को मिली सजा: अदालत का सख्त निर्णय
दीनदयाल चंद्राकर को 6 माह की सजा और जुर्माना
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग, श्रीमती श्वेता पटेल की अदालत ने दीनदयाल चंद्राकर को 6 महीने के साधारण कारावास और 7.50 लाख रुपए प्रतिकर राशि के भुगतान का आदेश दिया है।
- प्रतिकर राशि न देने पर 3 महीने का अतिरिक्त कारावास होगा।
- दीनदयाल ने 2013 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, कुरूद शाखा से 7.50 लाख और 15 लाख रुपए का आवास ऋण लिया था।
- भुगतान के लिए 19,16,815 रुपए का चेक बैंक को दिया, लेकिन खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। चेक बाउंस के मामलों में पति-पत्नी को मिली सजा: अदालत का सख्त निर्णय
सरोजनी चंद्राकर को भी 6 माह की सजा
दूसरे मामले में सरोजनी चंद्राकर (दीनदयाल की पत्नी) को भी 6 महीने के साधारण कारावास और 7.80 लाख रुपए प्रतिकर राशि से दंडित किया गया।
- यह चेक भारतीय स्टेट बैंक, एसीसी जामुल शाखा का था।
- प्रतिकर राशि न देने पर सरोजनी को भी 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। चेक बाउंस के मामलों में पति-पत्नी को मिली सजा: अदालत का सख्त निर्णय
अधिवक्ता की भूमिका
मामलों में अधिवक्ता मोहम्मद शफीक खान ने सफल पैरवी की। उन्होंने बताया कि आरोपी पति-पत्नी दोनों ने 2013 में बैंक से लोन लिया और भुगतान के लिए चेक दिए थे, लेकिन उनके खातों में राशि अपर्याप्त होने के कारण दोनों चेक अनादरित हो गए। चेक बाउंस के मामलों में पति-पत्नी को मिली सजा: अदालत का सख्त निर्णय
न्यायालय का संदेश
यह सजा बैंक धोखाधड़ी और चेक बाउंस जैसे मामलों में कानूनी परिणामों की गंभीरता को दर्शाती है। अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि न्यायिक प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वालों को दंडित किया जाए। चेक बाउंस के मामलों में पति-पत्नी को मिली सजा: अदालत का सख्त निर्णय