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बिजली कटौती की 24 घंटे पहले सूचना नहीं दी तो शिकायतकर्ता को मिलेंगे 75 रुपए
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लाइन फाल्ट से एसी-कम्प्यूटर जले तो मिलते हैं 4 हजार रुपए, बिजली उपभोक्ता अपने अधिकारों से वंचित
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ऑफलाइन फॉर्मूले से नाम मात्र की पहुंच रही शिकायतें
NCG News desk Jaipur:-
जयपुर। अपने अधिकारों की जानकारी के अभाव में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग शिकायतों के लिए बने पैनल्टी प्रावधानों का लाभ ही नहीं मिल पाता। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार बिजली कम्पनियों की उपभोक्ताओं के लिए जारी एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑफ प्रोसीजर) में उपभोक्ताओं को हर शिकायत के निस्तारण नहीं होने पर पैनल्टी के रूप में राशि मिलती है।
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कस्टमर केयर पर दर्ज शिकायतों सहित बिजली कटौती की सूचना, लाइन फाल्ट, समय पर बिजली कनेक्शन जारी करना, कम या ज्यादा वोल्टेज मिलना, बिजली मीटर और ट्रांसफॉर्मर बदलना, कटे कनेक्शन को जोड़ना, बिलिंग जारी होने का समय आदि का समय और पैनल्टी तय है। अधिकांश बिजली कंपनियों में इस एसओपी की पालना नहीं हो रही है। यदि सभी उपभोक्ता अपनी शिकायतों के समय से निस्तारण और पैनल्टी प्रावधानों को लेकर जागरूक हो जाएं तो बिजली कपंनियों को हर महीने करोडों रुपए की राशि उपभोक्ताओं को देनी पड़ेगी। विद्युत विनियामक आयोग ने 15 अप्रैल, 2021 को एसओपी लागू करने के आदेश दिए तो जयपुर डिस्कॉम ने 17 मई, 2022 को इसे लागू किया। प्रकरणों में बिजली चोरी और दुरुपयोग के मामले नहीं सुने जाते।
यह हैं समय सीमा और पैनल्टी प्रावधान
लाइट जाने पर फिर से सप्लाई शुरू करनाः पैनल्टी 75 रुपए प्रति शिकायत क्लास वन सिटी (दस लाख से अधिक आबादी) दो घंटे
अरबन शहरी क्षेत्र और कस्बे- चार घंटे
ग्रामीण क्षेत्र- आठ घंटे
कस्टमर केयर पर शिकायत और समय सीमा में समाधान नहीं होने पर पैनल्टी
किसी भी शिकायत का दो घंटे में समाधान नहीं हो तो 75 रुपए प्रति शिकायत, हाई टेंशन कनेक्शन में 150 रुपए प्रति शिकायत, लाइन फाल्ट शिकायत में (क्लास वन) में चार घंटे, शहरी क्षेत्र में छह घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में दस घंटे, पैनल्टी 75 रुपए प्रति शिकायत,
अंडरग्राउंड केबल लाइन जलने पर 75 रुपए प्रति शिकायत, शहरी और क्लास वन श्रेणी में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे समय सीमा,
ट्रांसफार्मर जलने पर शहरी व क्लास वन में आठ घंटे, ग्रामीण में 24 घंटे में बदलना होगा, 33 केवी पावर हाउस ट्रांसफार्मर जला तो 48 घंटे, 150 रुपए प्रति शिकायत पैनल्टी,
बिजली कटौती के नियम पैनल्टी 75 रुपए प्रति शिकायत
कटौती की सूचना अखबार में 24 घंटे पहले अनिवार्य है। जबकि उसी दिन सूचना छपने से उपभोक्ता को दो-तीन घंटे पहले सूचना मिलती है। कटौती सात घंटे से अधिक नहीं हो सकती और शाम छह बजे से पहले कटौती बंद कर बिजली सप्लाई चालू करना अनिवार्य। अकस्मात फॉल्ट पर उपभोक्ता को एसएमएस से सूचना देनी होगी। लाइन फाल्ट से मिक्सी जली तो एक हजार रुपए पैनल्टी, फ्रीज पर दो हजार रुपए और एसी-कम्प्यूटर पर चार हजार रुपए मिलेंगे, लेकिन उस क्षेत्र में न्यूनतम पांच केस होना जरूरी है।
कम या ज्यादा वोल्टेज पर 150 रुपए प्रति शिकायत जुर्माना
उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त बिजली सप्लाई के तहत 230 वोल्ट मिलती है। इससे (छह प्रतिशत) से कम 216.2 प्रतिशत या ज्यादा वोल्टेज 243.8 प्रतिशत वोल्टेज देने पर 150 रुपए प्रति शिकायत पैनल्टी। शिकायत पर वोल्टेज (लाइन फॉल्ट) दो दिन मे, ट्रांसफार्मर 15 दिन, नया ट्रांसफार्मर 60 दिन और पावर हाउस नया बनाना है तो चार दिन का समय तय है।
ऑफलाइन शिकायत का प्रावधान सबसे बड़ा रोडा
लोगों को प्रावधानों की जानकारी नहीं होने के कारण अपेक्षाकृत शिकायतें नहीं पहुंचती। विद्युत लोकपाल के पास पिछले छह महीने में महज 20 से 30 शिकायतें पहुंची हैं। शिकायतों का प्रकरण ऑफलाइन होने के कारण उपभोक्ता पहुंच ही नहीं पाते। सरकार राजकाज की तर्ज पर ऑनलाइन शिकायत लेने की व्यवस्था करे तो लाखों शिकायतें पहुंचेंगी। लोगों का भी मानना है कि शिकायतें ऑनलाइन दर्ज हों। शिकायतों पर दोषी अफसरों के जवाब राजकाज के माध्यम से ऑनलाइन हों, ताकि प्रकरणों का समय पर निस्तारण हो सके।
रिलयबिलिटी इन्डेक्स में पिछड़ी बिजली कपंनियां
शहरी क्षेत्र में छह महीने में 48 बार से ज्यादा (140 घंटे) बिजली नहीं काट सकते और ग्रामीण क्षेत्रों में 66 बार (210 घंटे) नहीं काट सकते। प्राइवेट उपभोक्ता की छह महीने में 20 बार (30 घंटे) से ज्यादा कटौती नहीं हो सकती। शिकायतकर्ता को इसके बदले भी श्रेणीवार पैनल्टी वसूलने का हक है।
बिजली मीटर खराब होने पर
बिजली मीटर खराब होने पर 15 दिन में चैक करना होगा। खराब मीटर को शहरी क्षेत्र में 24 घंटे, ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे मे बदलना होगा। मीटर की जगह बदलवाने के लिए सात दिन और ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए महीने में डिमांड नोटिस, सर्विस लाइन बदलवाने के लिए 15 दिन में डिमांड नोटिस देना होगा, अन्यथा 200 रुपए पैनल्टी का प्रावधान है। इसी तरह अन्य प्रावधानों में बिल में गड़बड़ी तीन दिन और संशोधन सात दिन में करना होगा। बिल दस दिन पहले नहीं दिया तो 25 रुपए पैनल्टी है। कनेक्शन काटने की एप्लीकेशन में क्लासवन में तीन दिन और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में सात दिन, कनेक्शन कटने के बाद पैसे जमा कराने पर छह घंटे में कनेक्शन जोड़ना, सात दिन में नो ड्यूज देना होगा। सभी में उपभोक्ताओं के लिए पैनल्टी प्रावधान भी हैं।
नए कनेक्शन
पोल नहीं लगना हो तो सात दिन में कनेक्शन (केन्द्र सरकार की 24 घंटे की रूलिंग), पोल लगने पर 30 दिन में डिमांड नोटिस (अन्यथा 75 रुपए पैनल्टी), पैसा जमा होते ही 15 दिन में छोटी लाइन, 11 केवी में 30 दिन और 33 केवी में 60 दिन का समय। लोड घटाने की शिकायत पर 30 दिन, बढ़ाने की शिकायत पर 45 दिन का समय (पैनल्टी 300 रुपए), नो ड्यूज पर 500 रुपए पैनल्टी।
शिकायत के लिए कहां कैसे करें आवेदन
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उपभोक्ताओं के लिए इंटर्नल ग्रिवेन्स रिड्रेरल सेल (आईजीआर) में दो फोरम हैं। पहले फोरम में तीन सेल हैं। पहली सेल एईएन सेल में 20 हजार रुपए तक शिकायतों का 30 दिन में शिकायत निस्तारण, चीफ इंजीनियर लेवल पर 30-45 दिन, फिर विद्युत लोकपाल। दूसरी सेल में एक्सईएन सेल में 20,001 से 50 हजार तक समय सीमा 30 दिन, जोनल चीफ इंजीनियर लेवल पर 45 दिन, फिर विद्युत लोकपाल, तीसरी सेल में एसई सेल में 50 हजार से पांच लाख तक प्रकरण, इसमे अधिकांश फैक्ट्रियों वाले एचटी उपभोक्ता शामिल। दूसरे फोरम में दो लेवल में पहले चीफ इंजीनियर लेवल में सभी सातों संभागों के पांच लाख रुपए तक प्रकरणों के सभी श्रेणी के उपभोक्ता और दूसरे लेवल में एसीएस, प्रमुख सचिव, सीएमडी और एमडी लेवल पर पांच लाख रुपए से अधिक वाले प्रकरण शामिल। फोरम एक और दो में सुनवाई नहीं होने पर विद्युत लोकपाल को अपील, उसके बाद हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।6 अधिकांश शिकायतें बिलों से संबंधित ही आती हैं। हमारे पास आ रही शिकायतों का हम समय से निस्तारण कर रहे हैं। निस्तारण नहीं होने पर पैनल्टी प्रावधान की नियमानुसार पालना की जा रही है। – आरके जीनवाल, चीफ इंजीनियर, जयपुर जोन
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हमने कस्टमर केयर पर कई बार दर्ज कराई, लेकिन पैनल्टी प्रावधानों की जानकारी नहीं थी। उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी प्रचारित की जानी चाहिए और शिकायतों के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार होना चाहिए। – वीरेन्द्र श्रीवास्तव, समाजसेवी
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