भविष्य से खिलवाड़! अंग्रेजी-संस्कृत शिक्षक नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी? नाराज छात्रों और अभिभावकों ने स्कूल पर जड़ा ताला

भविष्य से खिलवाड़! अंग्रेजी-संस्कृत शिक्षक नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी? नाराज छात्रों और अभिभावकों ने स्कूल पर जड़ा ताला
मुख्य बातें:
छत्तीसगढ़ के सीउड़ गांव के हाईस्कूल में अंग्रेजी और संस्कृत विषय के शिक्षक न होने से छात्रों का भविष्य अंधकार में है।
गुस्साए छात्रों और उनके अभिभावकों ने सोमवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे।
सीउड़ : भविष्य से खिलवाड़! अंग्रेजी-संस्कृत शिक्षक नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी?, “गुरु बिन ज्ञान कहां?” – यह कहावत छत्तीसगढ़ के सीउड़ गांव के हाईस्कूल में बेमानी साबित हो रही है। यहां अंग्रेजी और संस्कृत जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक ही नहीं हैं। महीनों तक गुहार लगाने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो सोमवार को छात्रों और उनके अभिभावकों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया और शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पढ़ाई ठप, भविष्य पर संकट
स्कूल में तालाबंदी कर विरोध जता रहे छात्रों का कहना था कि नए शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए काफी समय हो गया है, लेकिन अब तक अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं आया है। इस वजह से उनकी पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को लेकर वे बेहद चिंतित हैं। अभिभावकों ने भी आक्रोश जताते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया के बाद भी उनके बच्चों के स्कूल को शिक्षक क्यों नहीं मिले? यह सीधे तौर पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।भविष्य से खिलवाड़! अंग्रेजी-संस्कृत शिक्षक नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी?
आश्वासन नहीं, नियुक्ति चाहिए
तालाबंदी की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति की मांग पर अड़े रहे। छात्रों और अभिभावकों ने एक स्वर में कहा कि उन्हें खोखले आश्वासन नहीं, बल्कि स्कूल में शिक्षक चाहिए। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द स्थायी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे अपना आंदोलन और तेज करने पर मजबूर होंगे। यह घटना प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की कमी की गंभीर समस्या को एक बार फिर उजागर करती है।भविष्य से खिलवाड़! अंग्रेजी-संस्कृत शिक्षक नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी?









