राज्य सूचना आयोग के आदेश की अनदेखी: क्या मरवाही वन मंडल का DFO RTI कानून का उल्लंघन कर रहा है?
सूचना का अधिकार कानून (RTI) को दरकिनार करने का गंभीर मामला!
छत्तीसगढ़ के वन विभाग में सूचना का अधिकार (RTI) कानून की अवहेलना और राज्य सूचना आयोग (SIC) के आदेशों की अनदेखी का मामला सामने आया है। मरवाही वन मंडल के DFO पर आरोप है कि उन्होंने राज्य सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद आरटीआई के तहत निशुल्क जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। राज्य सूचना आयोग के आदेश की अनदेखी
क्या है पूरा मामला?
📌 2023 में राज्य सूचना आयोग ने चार मामलों में अपीलकर्ता अब्दुल सलाम कादरी के पक्ष में आदेश पारित किया था।
📌 आदेश के अनुसार, DFO मरवाही को एक माह के भीतर निशुल्क जानकारी प्रदान करनी थी।
📌 एक वर्ष बीत जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई।
📌 DFO और उनके स्टेनोग्राफर पर आदेश को जानबूझकर रोकने के आरोप।
सूचना देने में टालमटोल क्यों?
🔹 सूत्रों के अनुसार, वन विभाग के कुछ अधिकारी और रेंजर RTI कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।
🔹 राज्य सूचना आयोग का आदेश लागू नहीं होने से भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग की आशंका।
🔹 अपीलकर्ता ने कई बार लिखित और मौखिक अनुरोध किए, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।
अब क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
➡️ अपीलकर्ता ने राज्य सूचना आयोग में दोबारा शिकायत दर्ज कराई।
➡️ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी।
➡️ संघ लोक सेवा आयोग, राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी शिकायत भेजी जा रही है।
भ्रष्टाचार और पारदर्शिता पर उठे सवाल!
🔸 कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार के बाद, बीजेपी शासन में पारदर्शिता की उम्मीद थी।
🔸 लेकिन, मौजूदा हालात से स्पष्ट है कि वन विभाग में अब भी अनियमितताएं जारी हैं।
🔸 क्या उच्च अधिकारी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
जनता को कब मिलेगा न्याय?
इस मामले ने वन विभाग में प्रशासनिक निष्क्रियता, पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के तंत्र को उजागर कर दिया है।
🚨 अगर उच्च अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला एक खतरनाक मिसाल बन सकता है।
📢 क्या सरकार RTI कानून की रक्षा करेगी या इसे ताक पर रखेगी?
👉 वन विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगी।
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