शासन की मंसूबो को नजर अंदाज करने के लिए क्या जिला प्रशासन है जवाबदार?
आखिर कैसे बालोद खुलेआम चल रहा है अवैध कारोबार?
NCG News desk Balod:-
बालोद। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही नई-नई योजनाओं पर काम करने जा रही है।तो वही दूसरी तरफ भ्रष्टाचार एवं अपराधों में लगाम लगाने के लिए बड़ी मुस्तैदी से काम रही है जो तारीफेकाबिल है। छत्तीसगढ़ को अपराधमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, बनाने के लिए शासन बड़े स्तर पर काम कर रही है, जिसके लिए समय समय पर उक्त कार्य में संलिप्त अधिकारियो एवं कर्मचारियों के ऊपर भी कार्यवाही हो राही है। अपराध को रोकने के लिए जवाबदारी हर विभाग को दी जा रही है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।
तो वही दूसरी तरफ बालोद जिले में भ्रष्टाचार एवं अपराध थामने का नाम नहीं ले रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है गुंडरदेही ब्लॉक!! गुंडरदेही ब्लॉक क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध कारोबार थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।
आइए हम बात करते है गुंडरदेही क्षेत्र में चल रहे धड़ल्ले से अवैध कारोबार की जिसमे से प्रमुख, अवैध ईट भट्ठा, खनिज का अवैध परिवहन, सड़क पर सरपट भागती ओवरलोड गाड़िया, बिना रॉयल्टी का अवैध मुरूम उत्खनन एवं परिवहन, बिना रॉयल्टी का अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन, अवैध लकड़ी कटाई एवं परिवहन, अवैध कोयला परिवहन आदि और भी अनेक अवैध काम है जो बालोद जिले में जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है, जिसकी जानकारी जिला प्रशासन को भी है। लेकिन उनकी ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके चलते वे इस तरह के अवैध काम को चलने दे रहे है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।

ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
एक तरफ तो राज्य शासन ग्लोबल वार्मिग के खतरे एवं जलवायु परिवर्तन को देखते हुए पेड़ लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रहे है। वही दूसरी तरफ लकड़ी माफिया सालो में तैयार होने वाले फलदार एवं हरे भरे पेड़ो को काटकर अवैध रूप से परिवहन कर रहे है। आपको बता दे की पेड़ो की कटाई खासकर गुंडरदेही, रनचिरई, अर्जुंदा, सिकोसा इत्यादि क्षेत्र में बहुतायत में हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी कोचिया सक्रिय है । ये लकड़ी कोचिया दिनदहाड़े पेड़ो की कटाई और रात को परिवहन करवाते हैं जिसका खामियाजा अल्पवृष्टि, अकाल अम्लीय वर्षा के रूप में आम जनता को भुगतना पढ़ रहा है। जिसके लिए कौन जवाबदार है? बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।

अवैध खनिज उत्खनन एवं परिवहन
गुंडरदेही से लगा हुआ तांदुला नदी है जहा से भारी मात्रा में रेत का उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। तांदुला नदी के किनारे और आसपास के गांव में अवैध रूप से हाथ ईट भट्ठा संचालित है जहा से सालो साल से अवैध रूप से ईट का निर्माण किया जा रहा है। ईट बनाने के लिए नदी से रेत की चोरी, हरे भरे लकडीयों की कटाई कर अवैध परिवहन,की जाती है। शाम के बाद ईट भट्ठा में विद्युत बिजली की भी चोरी किया जाता हैं। बगैर टीपी के कोयला चुरा ट्रक से मंगवाते हैं । जिसके चलते शासन को लाखो रुपए का नुकसान हो रहा है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।

अवैध कबाड़
गुंडरदेही, अर्जुंदा, सिकोसा, थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुचारू रूप से बहुत से कबाड़ी की दुकान संचालित है जहां चोरी के साइकिल, गाड़ी के पार्ट्स एवं लोहे के समान खरीदा जाता है। जिसको ब्लैक मार्केट में ऊंचे दामों में बेचा जाता है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।
अवैध शराब की बिक्री
गुंडरदेही, सिकोसा, अर्जुंदा, थाना क्षेत्र के अंतर्गत कई गांव में अवैध शराब की बिक्री जोरो से चल रही है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।

दबंग नेताओ का कारनामा
जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के दबंग बाहुबली नेताओ द्वारा पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से ईट भट्ठे का संचालन कर रहा है और इन्हीं के संरक्षण के चलते कई और ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। जिसके चलते शासन को लाखो रुपए का नुकसान हो रहा है।बालोद जिला प्रशासन के नाक के नीचे फल फूल रहा है अवैध कारोबार।
अब सवाल यह उठता है कि इन अपराधों पर जिला प्रशासन कब तक अंकुश लगा पाएगी? या पहले की तरह उनकी मौन स्वीकृति से ये सारा अवैध कारोबार हू ब हू चलता रहेगा।
माइनिंग विभाग, खनिज विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग आखिर कब तक करते रहेंगे शासन के नियमों को नजरअंदाज?
आखिर क्यों इन अवैध परिवहन करने वालों पर क्यों नहीं होती है कार्यवाही? कब तक इन परिवहन करने वालों को मिलता रहेगा संरक्षण?
एक भाजपा सरकार बनते ही अवैध कार्यों पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रही है तो वही दूसरी तरह बालोद जिला प्रशासन शासकीय नियमों को दरकिनार करते हुए कुंभकर्णी की नींद में सोए बैठी है।
ऐसे में नागरिकों के मन में लोकसेवको के कर्तव्यों के प्रति शंका उत्पन्न होता है। अब यह देखना है कि उपरोक्त प्रकार के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगो के ऊपर प्रशासनिक कार्रवाई कब तक होती है?
नही तो आगामी लोकसभा चुनाव में जनता जरूर सबक सिखाएगी।
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