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अतरमुड़ा में खाली प्लॉट को पाटने के लिए जंगल का नुकसान
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जंगल के बीच जेसीबी लगाकर चल रहा था मुरुम और मिट्टी का अवैध खनन
रायगढ़। जिले में खनिज विभाग का अस्तित्व लगभग खत्म हो चुका है। अब खनिज अधिकारियों का काम केवल बायपास में खड़े होकर बिना पर्ची गिट्टी लेकर आ रही गाड़ियों का इंतजार करना रह गया है। विभाग अपने मूल काम से दूर हो चुका है, इसलिए अवैध खनन करने वाले जंगल को भी नहीं छोड़ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज रोड पर जंगल के बीच जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में केवल भूमाफिया और खनन माफिया का ही राज है।
इसकी सीधी वजह यह है कि राजस्व विभाग और खनिज विभाग का अस्तित्व ही नहीं बचा है। कोई भी कहीं भी खुदाई कर सकता है और कहीं भी प्लॉटिंग कर सकता है। मेडिकल कॉलेज रोड पर सौ बिस्तर अस्पताल से महज आधे किलोमीटर की दूरी पर दाहिनी ओर जंगल के बीच कुछ लोग अवैध खनन कर रहे हैं। पहले यहां मौजूद कुछ पेड़ों को काटकर रास्ता बनाया गया, फिर खुदाई शुरू कर दी। रोड से जाते समय बहुत ध्यान से देखने पर ही जेसीबी और ट्रैक्टर नजर आते हैं। सुबह से ही यहां खनन शुरू हो जाता है।
अब तक करीब सौ ट्रैक्टर से अधिक मिट्टी निकाली जा चुकी है। इस जगह पर छोटे-बड़े झाड़ के घने जंगल थे। जेसीबी से पेड़ों के बीच में खुदाई कर दी गई है। मौके पर एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर मिले। एक ट्रैक्टर में मिट्टी लोड हो चुका था। पूछने पर पता चला कि विनय सिंह नामक व्यक्ति ने खनन करवा रहा है। यहां की मिट्टी किसी खाली प्लॉट को पाटने के काम में उपयोग की जा रही है। खुदाई के कारण जंगल का यह हिस्सा अब बर्बाद होता जा रहा है। वहीं पास में एक और जमीन पर पूर्व में पेड़ काटकर खनन किया जा चुका है।
कोई नहीं रोक सकता ये काम
जिले में खनिज विभाग और राजस्व विभाग अपने अलग कामों में व्यस्त हैं। खनिज विभाग की टीम इन दिनों छातामुड़ा बायपास पर बिना पर्ची की गाड़ियों का इंतजार करती है। इसके अलावा और कोई काम नहीं हो रहा है। बिना पर्ची की गाड़ियों का कोई प्रकरण नहीं बनता बल्कि इनसे बातचीत की जाती है। इधर कई जगहों पर हो रहे अवैध खनन से कोई सरोकार नहीं है।
ग्रामीणों के ट्रैक्टर पकड़ने पर खनिज विभाग केवल माथा देखकर तिलक करती है। किसी पर कार्रवाई करनी है तो किसी पर नहीं। अपने चहेते क्रशर संचालकों को बिना पर्ची भी छूट है। ओवरलोड की तो कोई बात ही नहीं लेकिन कोई ग्रामीण ट्रैक्टर से रेत निकाल ले तो ये कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों रानीगुड़ा रेतघाट में खनिज निरीक्षक कार्रवाई करने पहुंचे थे। वहां ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया था। इस दौरान जमकर गाली-गलौज भी की गई। किसी बड़े नेता को फोन किया गया तब जाकर टीम वहां से निकल पाई।
मालवे बोले- मुझे नहीं मालूम
राजेश मालवे, उप संचालक खनिज, ने कहा, “इसकी जानकारी मुझे नहीं है। जांच करवाकर अवैध खनन करने वाले पर कार्रवाई करेंगे।”
राजेश मालवे वही अधिकारी हैं जो पूर्व में राजनांदगांव जिले में खनिज अधिकारी के रूप में पदस्थ थे, बाद में उप संचालक में पदोन्नत होकर रायगढ़ में पदस्थ हुए।
इनको जब-जब अवैध मुरूम उत्खनन और अवैध परिवहन के बारे में जानकारी दी जाती थी, तो ये हमारे पास स्टॉफ नहीं है, स्टॉफ छुट्टी में है बोलकर अपना पल्ला झाड़ लेते थे। एक ऐसा ही मामला राजनांदगांव जिले के बिरेझर गांव में अवैध मुरूम उत्खनन और अवैध परिवहन का आया हुआ था, जिसकी जानकारी राजेश मालवे (उप संचालक खनिज) को फोन के माध्यम से दी गई थी, लेकिन उन्होंने स्टॉफ नहीं होने का बहाना बनाकर कार्रवाई नहीं की।
इनके कार्यकाल और कार्यक्षेत्र में इस तरह की घटनाएं होना और इनका ऐसे मुरूम माफियाओं पर कार्रवाई न करना इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं। छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन को इनके कार्यप्रणाली पर बारीकी से संज्ञान लेने की जरूरत है।