दुर्ग l दुर्ग जिला ग्रामीण क्षेत्र में शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार जमकर फल फुल रहा है l दुर्ग जिले में पैसा बोलता है, यहां जिसकी लाठी उसकी भैस वाली कहावत चरितार्थ भी होती है l अंधेर नगरी चौपट राजा भी कहे तो कोई बात नहीं है l दुर्ग जिला अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण के नाम से पुरे प्रदेश ही नहीं देश में भी चर्चा में रहा है और आज भी है और होगा भी क्यों नहीं क्योकि जब तक दुर्ग जिले में दरियादिल खनिज विभाग के अधिकारी रहेंगे तो धीरे धीरे दुर्ग जिला विश्व में आकर्षण का केंद्र बन जायेगाl खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पर्यावरण विभाग अनदेखी एवं छुटभैये नेताओ की वजह से आज खनिज माफिया दिन दुनी रत चौगुनी तरक्की कर रहे है और तथाकथित चाटुकार सेटिंग करने में लगे हुए हैl दुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
दुर्ग जिले में अधिकांश जगह मुरुम परिवहन में. एस.एम.एस.एल. – एम.बी.पी.एल. (जे.वी.) दुर्ग पैकेज-ए गायत्री नगर परपोड़ी नागपुर (महाराष्ट्र) कंपनी द्वारा किया जा रहा है l इस कंपनी द्वारा ग्राम उमरपोटी, मटंग, कसही, सेमरी, मर्रा, पंदर, बोदल, पाटन, पुरई एवं अन्य जगहो से धड़ल्ले से मुरुम का अवैध उत्खनन कर सैकड़ो ट्रीप मुरूम का अवैध परिवहन भी किया जा रहा है l निडर छत्तीसगढ़ की टीम द्वारा सभी खदानों पर पहुचकर संबंधित व्यक्ति से मुरुम उत्खनन एवं परिवहन संबंधी जानकारी चाही गयी तो सबके द्वारा टालमटोल किया गया एवं गोलमटोल जवाब मिलाl सभी खदानों के पास बैठे जिम्मेदार व्यक्तियों ने अपने पास वैध दस्तावेज होने से इंकार किया एवं कैमरे से बचते नजर आये lदुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
जानिए की कहता है छ. ग. गौण खनिज अधिनियम 2015 नियम 59(2)?
इस नियम के तहत जिस भूमि से खनिज मुरुम निकाली गयी है उसके परिवहन की अनुमति दिए जाने से पहले आवेदित क्षेत्र एवं उपलब्ध खनिज की मात्रा की जाँच संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार एवं खनिज निरीक्षक से स्थल जाँच कराया जाना अनिवार्य हैl
कैसे मिलती है मुरुम परिवहन की अनुमति?
सर्वप्रथम जिस जगह से खनिज मुरूम का परिवहन करना है उस संबंधित जमीन मालिक से एनओसी प्राप्त करना पड़ता है जैसे जमीन का कोई निजी स्वामी है और अपने जमीन का समतलीकरण कराना चाहता है या ग्राम पंचायत अपने क्षेत्राधीन तालाब का गहरीकरण करवाना चाहता है; तो जमीन का मालिक सबसे पहले ग्राम पंचायत में आवेदन करेगा कि मैं अपना जमीन का समतलीकरण करवा रहा हूं जिसके एवज में ग्राम पंचायत पंचायत में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर एवं ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर भूमि स्वामी को एनओसी जारी करेगाl अब जिस किसी व्यक्ति/फर्म/निकाय/कंपनी को समतलीकरण या तालाब गहरीकरण से निकले मुरूम का परिवहन करना है उसके लिए उसे परिवहन करने के लिए जमीन मालिक से एनओसी लेना पड़ता है तत्पश्चात ग्राम पंचायत द्वारा खनिज मुरुम परिवहन करने वाले व्यक्ति/फर्म/निकाय/कंपनी को एनओसी दिया जाता है जमीन मालिक एवं ग्राम पंचायत से एनओसी मिलने के बाद खनिज परिवहन करने वाला व्यक्ति/फर्म/निकाय/कंपनी कार्यालय जिला खनिज कार्यालय में मुरुम परिवहन के लिए रायल्टी पर्ची जारी करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करता है उसके उपरांत जिला खनिज विभाग द्वारा भंडारित खनिज मुरुम से संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को स्थल निरीक्षण कर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को लिखित में जारी किया जाता है तत्पश्चात तहसीलदार द्वारा स्थल पंचनामा,खसरा नक्शा एवं मुरूम की मात्रा का जांच कर स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन अग्रिम कार्यवाही हेतु कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा को प्रस्तुत किया जाता है । उसके पश्चात खनिज निरीक्षक कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा के द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाता है जिसमे आवेदित क्षेत्र में भंडारित/एकत्रित मुरूम की मात्रा कितनी है उसकी जांच की जाती है जाचउपरांत कितना घन मीटर मुरुम भंडारित रखा गया है उसके बारे में कार्यालय कलेक्टर महोदय खनिज शाखा को लिखित में स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन दिया जाता हैl तत्पश्चात आवेदक से नियमानुसार 10% रॉयल्टी राशि डीएमएफ राशि, टीसीएस राशि, बुक की राशि जमा कर खनिज विभाग से नियम एवं शर्तों के साथ परिवहन की अनुमति एवं रॉयल्टी बुक जारी किया जाता हैlदुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
लेकिन उसके बावजूद दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की जमकर धज्जिया उड़ाई जा रही हैl निडर छत्तीसगढ़ मीडिया टीम ने, में. एस.एम.एस.एल. – एम.बी.पी.एल. (जे.वी.) दुर्ग पैकेज-ए गायत्री नगर परपोड़ी नागपुर (महाराष्ट्र) के द्वारा आवेदित भंडारित खनिज मुरुम एवं संबंधित अधिकरियो द्वारा स्थल निरिक्षण प्रतिवेदन के अनुसार मौके खसरे पर जाकर देखा तो वह माजरा कुछ और ही थाl आवेदित भंडारित खनिज मुरुम के समस्त स्थलों में कोई मुरुम का भंडार था ही नहीं ये भंडार तो सिर्फ कागजो में है l
भंडारित मुरुम तो बहुत दूर की बात है मुरुम परिवहन करने वाले बेख़ौफ़ होकर धड़ल्ले से जमीन को खोदकर ट्रको में लोड आर बेख़ौफ़ मुरुम का परिवहन करके है जो की सरसर गलत एवं विधि विरुद्ध हैl इस तरह से आप कैसे अनुमान लगा सकते है की वह से कितना मुरुम खोदकर निकला गया है l ऐसा करना मुरुम की चोरी है जिससे शासन को लाखो रूपये की क्षति हो रही है एवं क्षेत्र की जनता के हक़ के पैसे की भी चोरी हो रही है lदुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
अवैध मुरुम को सड़क निर्माण कार्यों में खपाया जा रहा है। इसकी जानकारी विभागीय अफसरों को होने के बाद भी इनके द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुरूम का बेजा दोहन कर रहे हैं। छोटे-छोटे किसानों को पैसे का लालच देकर उनकी जमीन को समतल करने के बहाने मुरूम निकाल रहे हैं। जिसकी ना तो कोई परमिशन है ना ही विभाग को कोई रायल्टी दी जा रही है। खनिज विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। क्षेत्र के इस गांव में ,जहां सुबह से मुरूम खनन शुरू हो जाता है जो देर रात तक चलते रहता है। खनिज विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी की नींद में सोए हुए है, उनके द्वारा मुरूम चोरों को मौन सहमति देकर शासन को लाखो का चूना लगाया जा रहा है।दुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
दुर्ग ग्रामीण के अधिकतर क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य जारी है। इस मार्ग में अवैध रूप से चोरी का मुरूम खपाया जा रहा है। वही खनिज माफियाओं द्वारा पर्यावरण के नियमो को ताक में रखकर खेतो को बेतरतीब ढंग से खोदकर बर्बाद किया जा रहा है। पंचायतों एवम् क्षेत्रीय प्रतिनिधि की सांठगांठ के चलते भी पंचायत के रजिस्टर में प्रस्ताव बनाकर बिना खनिज विभाग की अनुमति लिए धड़ल्ले से मुरूम निकाला जा रहा है। गांवों में जेसीबी और हाइवा से मुरम का अवैध उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। पूरे मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, खनिज विभाग,पुलिस थाना,परिवहन विभाग की कही न कही संलिप्तता नजर आ रही है।दुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
दुर्ग जिला ग्रामीण खेत्र में महीनो से अवैध मुरूम का उत्खनन एवम परिवहन किया जा रहा है मुरुम माफियाओ द्वारा अनेक जगहों पर रोड बनाने एवं प्लाटिंग के नाम पर अवैध मुरूम का परिवहन किया है। इस तरीके से खुलेआम अवैध मुरूम का उत्खनन एवम परिवहन करना खनिज विभाग से सहयोग के बिना संभव ही नहीं है। रोड ठेकेदार, खनिज माफिया एवम खनिज विभाग के अधिकारियों पर अगर ईडी का छापा पड़े तो संभव है की इनके पास भी अनुपातहीन संपत्ति मिल सकती है।दुर्ग खनिज विभाग : शासन के नियमो को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम उत्खनन एवं परिवहन का कारोबार,पाटन एवं दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में नियमो की उड़ाई जा रही है खुलेआम धज्जिया
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