गरियाबंद: पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ आदिवासी समाज लामबंद
गरियाबंद/देवभोग। छत्तीसगढ़ में पुलिस की बर्बरता का एक और मामला सामने आया है। देवभोग थाना पुलिस पर एक आदिवासी अधेड़ व्यक्ति के साथ बेरहमी से मारपीट करने और उसका पैर तोड़ने का गंभीर आरोप लगा है। थाना में पूछताछ के नाम पर आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, पुलिस पर पैर तोड़ने का आरोप, समाज में आक्रोश
गुमशुदगी के मामले में पूछताछ के बहाने बुलाकर की पिटाई
👉 देवभोग थाना क्षेत्र के चलनापदर गांव के निवासी लालधर पोर्टी को गांव की एक युवती के गुमशुदगी के मामले में पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था।
👉 थाने में उसके साथ इतना अत्याचार हुआ कि उसका एक पैर टूट गया।
👉 पुलिस की मारपीट से अब लालधर अपंग हो गया है और घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य बेसहारा हो गया। थाना में पूछताछ के नाम पर आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, पुलिस पर पैर तोड़ने का आरोप, समाज में आक्रोश
डर के कारण चुप रहा पीड़ित, आदिवासी समाज हुआ लामबंद
🔹 पुलिस की बर्बरता से सहमे लालधर ने शुरुआत में किसी को कुछ नहीं बताया।
🔹 जब मामला आदिवासी समाज तक पहुंचा, तो समाज के नेता आक्रोशित हो गए।
🔹 आदिवासी समाज के प्रतिनिधि संजय नेताम और नेत्री लोकेश्वरी नेताम पीड़ित के घर पहुंचे और परिजनों से जानकारी ली।
🔹 इसके बाद वे देवभोग थाना पहुंचे और थाना प्रभारी गौतम गावड़े से जवाब मांगा। थाना में पूछताछ के नाम पर आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, पुलिस पर पैर तोड़ने का आरोप, समाज में आक्रोश
पुलिस जवाब देने में असमर्थ, आदिवासी समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी
⚠️ थाना प्रभारी से जब समाज के नेताओं ने सवाल किए, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
⚠️ इसके बाद आदिवासी नेताओं ने न्याय की मांग की और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
⚠️ साथ ही, डॉक्टर पर भी सवाल उठे जिसने पैर टूटने के बावजूद रिपोर्ट में सामान्य चोट बताया।थाना में पूछताछ के नाम पर आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, पुलिस पर पैर तोड़ने का आरोप, समाज में आक्रोश
पुलिस पर उठे सवाल – क्या मिलेगा पीड़ित को न्याय?
📢 इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं –
1️⃣ क्या पुलिस को पूछताछ के नाम पर लोगों को बेरहमी से पीटने का हक है?
2️⃣ अगर पुलिस निर्दोष है तो पीड़ित का पैर कैसे टूटा?
3️⃣ क्या इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी या इसे दबा दिया जाएगा?
अब देखने वाली बात होगी कि क्या आदिवासी समाज की मांग पर प्रशासन कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी अनसुना रह जाएगा। थाना में पूछताछ के नाम पर आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, पुलिस पर पैर तोड़ने का आरोप, समाज में आक्रोश