CGMSC घोटाले में अब ED की एंट्री: मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
🔍 ACB/EOW के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय करेगा छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित घोटाले की जांच
📍 रायपुर, 25 अप्रैल 2025।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) घोटाले की जांच अब और गंभीर होती जा रही है। राज्य की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो ED ने ACB की FIR के आधार पर ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज कर ली है CGMSC घोटाले में अब ED की एंट्री: मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
💼 ACB की FIR के बाद अब ED की सक्रियता
ACB/EOW द्वारा 22 जनवरी 2025 को दर्ज की गई FIR के अनुसार, CGMSC द्वारा तीन बड़े टेंडर जारी किए गए थे, जिनमें नियमों की अनदेखी कर अनियमित खरीदी की गई। आरोप है कि कुछ प्रभावशाली अधिकारियों ने सिंडिकेट बनाकर बाजार मूल्य से कहीं अधिक दरों पर मेडिकल उपकरण और दवाइयां खरीदींCGMSC घोटाले में अब ED की एंट्री: मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
👮 अब तक कई गिरफ्तारियां
अब तक ACB की जांच में मोक्षित समूह के शशांक चोपड़ा समेत CGMSC के 5 तत्कालीन अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं। इन्हें जेल भेजा गया है और पूछताछ जारी है। मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
💰 मनी लॉन्ड्रिंग का शक, 600 करोड़ तक का घोटाला!
सूत्रों का कहना है कि ED को इस घोटाले में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है। खरीदी गई दवाइयों और उपकरणों में कई बार ‘रिएजेंट‘ नामक मेडिकल सामग्री का ज़िक्र आया है, जिसकी कीमतों को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया गया।
कुछ अनुमानों के मुताबिक, यह घोटाला 600 करोड़ रुपये तक का हो सकता है, हालांकि ACB सूत्रों के अनुसार अब तक करीब 300 करोड़ के भुगतान बिल लंबित मिले हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
📌 क्या है CGMSC घोटाला?
CGMSC राज्य सरकार द्वारा स्थापित संस्था है, जो अस्पतालों के लिए दवाइयां और मेडिकल उपकरणों की खरीददारी करती है। आरोप है कि अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन कर अपने हितों को साधने वाले फर्मों को काम दिया और कमीशन के बदले वास्तविक कीमत से कई गुना ज़्यादा दरों पर सामान खरीदा गया। मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच
ACB के बाद ED ने ECIR दर्ज कर शुरू की जांच
- टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता की आशंका
- मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर केंद्रित है ED की जांच
- अब तक 5 अधिकारी गिरफ्तार, 300 करोड़ से अधिक का संभावित घोटाला
ED की जांच में अब कई अन्य अधिकारियों, ठेकेदारों और सप्लायर्स के नाम सामने आने की संभावना है। आने वाले दिनों में नई गिरफ्तारियां और जांच का दायरा बढ़ सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरू हुई जांच