नई दिल्ली: सियोल में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ बड़ा एक्शन
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के कार्यालय पर पुलिस छापेमारी ने सियासी माहौल गरमा दिया है। यह कार्रवाई राष्ट्रपति पर मार्शल लॉ लगाने और देश को अराजकता में धकेलने के आरोपों के चलते की गई। इससे पहले, 9 दिसंबर को न्याय मंत्रालय ने राष्ट्रपति यून के विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था। स्कूल स्टाफ पर छात्रों के उत्पीड़न के आरोप, जांच शुरू
मार्शल लॉ के फैसले ने बढ़ाई मुश्किलें
3 दिसंबर की रात राष्ट्रपति यून ने अचानक मार्शल लॉ घोषित कर दिया, जिससे देश में राजनीतिक अशांति की स्थिति पैदा हो गई। उनके इस फैसले के बाद संसद में विशेष बलों और हेलिकॉप्टर भेजे गए। हालांकि, विपक्ष और उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश को अस्वीकार कर दिया और उन्हें अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर किया। स्कूल स्टाफ पर छात्रों के उत्पीड़न के आरोप, जांच शुरू
महाभियोग का सामना, जनता का बढ़ता विरोध
यून सुक योल को महाभियोग का सामना करना पड़ा, लेकिन संसद में वह बाल-बाल बच गए। इसके बावजूद, उनके अचानक लिए गए फैसले पर आपराधिक जांच जारी है। राजधानी सियोल में उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां कड़ाके की ठंड में लोग उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। स्कूल स्टाफ पर छात्रों के उत्पीड़न के आरोप, जांच शुरू
देश छोड़ने पर पहली बार प्रतिबंधित राष्ट्रपति
दक्षिण कोरिया के इतिहास में यून सुक योल पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर पद पर रहते हुए विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। न्याय मंत्रालय ने उनके इस कदम को ‘देश विरोधी’ और ‘कम्युनिस्ट ताकतों के खिलाफ लड़ाई’ बताया। स्कूल स्टाफ पर छात्रों के उत्पीड़न के आरोप, जांच शुरू
पूर्व रक्षा मंत्री समेत 8 अधिकारियों पर भी कार्रवाई
राष्ट्रपति यून के साथ पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून और 8 अन्य अधिकारियों पर भी विद्रोह का हिस्सा होने का आरोप है। पूर्व रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उनके खिलाफ भी पुलिस जांच जारी है। स्कूल स्टाफ पर छात्रों के उत्पीड़न के आरोप, जांच शुरू