बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून सर्वप्रथम सन् 1929 में पारित किया गया था। बाद में सन् 1949, 1978 और 2006 में इस कानून में संशोधन किए गए। इस समय विवाह की न्यूनतम आयु बालिकाओं के लिए 18 वर्ष और बालकों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है।
NCG News desk Baikunthpur:-
बैकुंठपुर। विवाह गृहस्थ जीवन का अभिन्न हिस्सा एवं एक सामाजिक आवश्यकता भी है, लेकिन सही उम्र में होना चाहिए। कभी-कभी लोक लाज एवं सामाजिक कुरुतियो के चलते कम उम्र में विवाह कर दिए जाते हैं, जो कि बाल विवाह की श्रेणी में आते हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग को 10 मार्च को सोनहत एवं 11 मार्च को बैकुण्ठपुर मे जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग के संयुक्त टीम के द्वारा स्थल पर पहुंच कर विवाह के संबंध मे जांच किया।
जिसमे यह पाया कि बालिका की उम्र 17 वर्ष पायी गयी है जो कि बाल विवाह की श्रेणी मे आता है जिला बाल संरक्षण ईकाई की टीम द्वारा समझाईश देकर निर्धारित वर्ष पूर्ण होने तक विवाह न करने की समझाइश दी गई ।
सभी परिवार जनो ने अपनी सहमति जताई एवं विश्वास दिलाया कि जब तक बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण नहीं होगी तब तक विवाह नहीं करेंगे। इस संबंध में माता-पिता एवं परिवार जनो की उपस्थिति में पंचनामा तैयार किया गया। परियोजना अधिकारी शशी जायसवाल, एवं पर्यवेक्षक प्रभा लकड़ा, पुष्पा पटेल, जिला बाल संरक्षण इकाई से संजीव कुमार साहू आउटरीच वर्कर, चाईल्ड लाईन टीम एवं विषेष किशोर पुलिस ईकाई के सहयोग से बाल विवाह रोके जाने में सफलता प्राप्त हुई है ।
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