NCG NEWS DESK Gurugran :-
गुरुग्राम की एक अदालत ने एक पुलिस अधिकारी के सैल्यूट करने के तरीके पर आपत्ति जताई और फटकार लगाई. दरअसल, ACP ने दो अंगुलियों से सैल्यूट किया था, जिसे कोर्ट ने अनुचित माना जाता है. न्यायाधीश ने इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर को एसीपी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
हरियाणा के गुरुग्राम में ACP को न्यायाधीश को ठीक से सैल्यूट न करना भारी पड़ गया. जिला अदालत ने पुलिस आयुक्त को एसीपी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. यह आदेश ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास विक्रांत की अदालत ने दिया है.
अदालत ने ACP के सैल्यूट करने पर उठाया सवाल
दरअसल, आठ फरवरी को एसीपी नवीन शर्मा अपनी टीम के साथ धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी अनिल को अदालत में पेश करने पहुंचे थे. आरोपी को अदालत में पेश करने के बाद जब वह जाने लगे तो उन्होंने दो अंगुलियों से न्यायाधीश को सैल्यूट किया. अदालत ने जब एसीपी से इस तरह सैल्यूट करने के तरीके के सीखने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन तरीके से सैल्यूट करने के बारे में सीखा है.
एसीपी ने कहा- शर्ट टाइट थी
अदालत के सवाल पर एसीपी ने कहा कि उनकी शर्ट टाइट थी, जिसके चलते वह ठीक से सैल्यूट नहीं कर पाए. इसके बाद अदालत ने पंजाब पुलिस रूल्स 1934 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी वर्दी में किसी अदालत में प्रवेश करते समय, जब ऐसी अदालत चल रही हो, अदालत को सैल्यूट करेगा, भले ही उस समय ऐसी अदालत में अध्यक्षता करने वाले न्यायिक अधिकारियों की रैंक या स्थिति कुछ भी हो.
इसके बाद अदालत ने उन्हें नियमों और प्रोटोकाल के बारे में जागरूक करते हुए उचित रूप से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. अदालत ने पुलिस आयुक्त को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए मामले की रिपोर्ट अदालत में पेश करने के लिए कहा है. अब इस मामले में डीसीपी वेस्ट करण गोयल जल्द ही रिपोर्ट देंगे.
किस मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे थे एसीपी?
बता दें कि फरवरी 2023 में पालम विहार निवासी प्रवीण कुमार ने पालम विहार थाना पुलिस से की शिकायत में कहा था कि उनकी जमीन के मामले में काम कराने के लिए संदीप और अनिल से बात हुई थी. उन्होंने आश्वासन दिया था कि काम कराने के लिए 25 लाख रुपये लगेंगे और 10 दिन में काम हो जाएगा.
संदीप ने खुद को सीएम विंडो में कार्यरत बताया था. पैसे देने के बाद भी जब प्रवीण का काम नहीं हुआ तो प्रवीण ने पैसे वापस मांगे. इस पर प्रवीण को जान से मारने की धमकी दी गई. शिकायत में कहा गया था कि आरोपी संदीप हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात है. इसके बाद इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा भी जोड़ दी गई थी.
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