राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार, जानें क्या है नियम 20(3)(बी) जिससे घिरे राहुल?

राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार, जानें क्या है नियम 20(3)(बी) जिससे घिरे राहुल?
राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों ने भारतीय राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। इन आरोपों पर चुनाव आयोग (ECI) ने अब सख्ती दिखाते हुए राहुल गांधी को एक नोटिस भेजा है, जिससे यह पूरा मामला और भी गरमा गया है। आइए इस पूरे विवाद, आरोपों और उस ख़ास नियम को समझते हैं जिसने राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ का सनसनीखेज आरोप
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कर्नाटक में मतदाता सूची (Voter List) में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उनके अनुसार:
जगह: कर्नाटक के महादेवपुरा और गांधीनगर विधानसभा क्षेत्रों में धांधली हुई।
आरोप: एक लाख से ज़्यादा फ़र्ज़ी मतदाताओं के नाम जोड़े गए और असली मतदाताओं के नाम हटा दिए गए।
नतीजा: इसी ‘वोट चोरी’ के कारण कांग्रेस को कर्नाटक में अनुमानित 16 सीटों के बजाय केवल 9 लोकसभा सीटें मिलीं।
सबूत: राहुल ने दावा किया कि उनके पास इस धांधली के पुख्ता सबूत हैं और यह सब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर किया गया।
चुनाव आयोग का कड़ा रुख: ‘सबूतों के साथ शपथ पत्र दें’
राहुल गांधी के आरोपों को ‘भ्रामक’ और ‘निराधार’ बताते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने पलटवार किया। आयोग ने राहुल गांधी को एक नोटिस भेजकर मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के एक विशेष नियम के तहत जवाब मांगा है।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
आयोग ने स्पष्ट कहा कि राहुल गांधी अपने दावों को साबित करने के लिए उन सभी अपात्र मतदाताओं के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ एक शपथ पत्र (Affidavit) जमा करें। आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर उनके आरोप झूठे पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
क्या है नियम 20(3)(बी)? जिसने राहुल गांधी की बढ़ाई मुश्किलें
यह पूरा मामला नियम 20(3)(बी) पर आकर टिक गया है। यह नियम मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
उद्देश्य: यह नियम मतदाता सूची में किसी भी तरह के संशोधन, आपत्ति या शिकायत की प्रक्रिया तय करता है।
प्रक्रिया: इसके तहत, अगर कोई भी व्यक्ति वोटर लिस्ट में किसी नाम को शामिल करने या हटाने के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराना चाहता है, तो उसे अपनी शिकायत एक शपथ पत्र के साथ देनी होगी।
ज़रूरी जानकारी: शपथ पत्र में शिकायतकर्ता को आपत्ति का ठोस आधार, संबंधित व्यक्ति का नाम, पता और अन्य सभी ज़रूरी विवरण देने होते हैं।
जवाबदेही: यह नियम सुनिश्चित करता है कि कोई भी निराधार या हवा-हवाई आरोप न लगाए। यदि जांच में शिकायत झूठी या गलत पाई जाती है, तो खुद शिकायतकर्ता पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
चुनाव आयोग इसी नियम का हवाला देकर राहुल गांधी से उनके आरोपों के लिए तथ्यात्मक सबूत मांग रहा है।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
नोटिस पर राहुल गांधी का जवाब: ‘मेरा बयान ही शपथ पत्र है’
चुनाव आयोग के नोटिस पर राहुल गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं जो भी कह रहा हूँ, वह सार्वजनिक रूप से कह रहा हूँ। इसे ही मेरा शपथ पत्र समझा जाए। यह डेटा हमारा नहीं, बल्कि खुद चुनाव आयोग का है। आयोग यह क्यों नहीं कहता कि मेरे द्वारा पेश किए गए तथ्य गलत हैं? इससे साफ़ है कि वे भी सच्चाई जानते हैं।”राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
राजनीतिक घमासान: बीजेपी ने बताया ‘हार की हताशा’
इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज़ हो गई है।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार
बीजेपी का पक्ष: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘राजनीतिक नाटक’ और ‘हार की हताशा’ बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं की छवि खराब कर रहे हैं।
चुनाव आयोग का पक्ष: आयोग ने यह भी कहा कि उसने पिछले साल नवंबर में ड्राफ्ट मतदाता सूची और इस साल जनवरी में अंतिम सूची कांग्रेस पार्टी के साथ साझा की थी, लेकिन तब पार्टी की ओर से कोई भी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई।
यह मामला अब सिर्फ आरोपों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कानूनी और प्रक्रियात्मक दांव-पेंच में उलझ गया है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार









