मामला:
कोरबा जिले में 15वें वित्त आयोग की राशि से किए गए कार्यों की जांच लटकाई जा रही है। जिला पंचायत सीईओ के आदेश के बावजूद जनपद पंचायत कोरबा और पाली की 38 ग्राम पंचायतों में जांच पूरी नहीं हो सकी है। कोरबा: 15वें वित्त आयोग की राशि में गड़बड़ी के आरोप, जांच प्रक्रिया में लापरवाही
मुख्य बिंदु:
- जांच आदेश की अनदेखी:
- 6 नवंबर 2024 को जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश दिए थे।
- कोरबा जनपद पंचायत की 28 और पाली जनपद पंचायत की 10 ग्राम पंचायतों की जांच के निर्देश थे।
- करारोपण अधिकारियों ने आदेशों का पालन नहीं किया।
- दस्तावेज और भौतिक सत्यापन:
जांच के दायरे में ग्राम सभा की कार्यवाही, व्यय प्रमाणक, देयक वाउचर और भौतिक सत्यापन शामिल थे। - पंचायतीराज चुनाव का प्रभाव:
आगामी पंचायत चुनावों से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण जांच के ठंडे बस्ते में जाने की आशंका। कोरबा: 15वें वित्त आयोग की राशि में गड़बड़ी के आरोप, जांच प्रक्रिया में लापरवाही
ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितता:
- कोरबा की 28 ग्राम पंचायतें जैसे लबेद, चिर्रा, सिमकेंदा, मूढूनारा, उरगा, आदि।
- पाली की 10 ग्राम पंचायतें जैसे बनबाँधा, केराकछार, उड़ता, हरदीबाजार आदि।
- करतला और पाली की 74 ग्राम पंचायतों ने भी दस्तावेज छुपाने और जानकारी न देने के आरोप झेले। कोरबा: 15वें वित्त आयोग की राशि में गड़बड़ी के आरोप, जांच प्रक्रिया में लापरवाही
सूचना का अधिकार (RTI) का उल्लंघन:
- प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की गई।
- कई पंचायतों ने झूठी या अधूरी जानकारी दी।
संदिग्ध संरक्षण:
- जांच प्रक्रिया में देरी के पीछे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
- जिला अधिकारियों पर मनमानी का मौन समर्थन देने का आरोप।
आगे की संभावनाएं:
- उच्च स्तरीय जांच की मांग तेज हो रही है।
- व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार उजागर होने की संभावना। कोरबा: 15वें वित्त आयोग की राशि में गड़बड़ी के आरोप, जांच प्रक्रिया में लापरवाही