कोरबा: कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने संसद में पशुधन विकास और गौवंश संरक्षण पर महत्वपूर्ण बातें रखीं। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उद्धरण से की, जिसमें कहा गया है कि किसी राष्ट्र की महानता उसके पशुओं के साथ होने वाले व्यवहार से मापी जा सकती है।श्रीमती महंत ने संसद में उठाया पशुओं और गौवंश के संरक्षण का मुद्दा
प्रमुख बिंदु:-
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पशु संरक्षण और टीकाकरण पर ध्यान: श्रीमती महंत ने बताया कि भारत की 80 प्रतिशत आबादी पशु पालन पर निर्भर है, लेकिन पशुओं के टीकाकरण और संरक्षण में कमी है। उन्होंने 2021-22 में त्वचा रोग के प्रकोप से हुए नुकसान का उल्लेख किया और टीकाकरण के लिए पर्याप्त जनशक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया।
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बजट पर सवाल: सांसद ने 2024-25 के राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बजट में 19 प्रतिशत की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने गौवंश नस्ल सुधार और कृत्रिम गर्भाधान को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई।
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पशु चिकित्सालयों की स्थिति में सुधार: सांसद ने देशभर में पशु चिकित्सालयों की खराब स्थिति और संसाधनों की कमी पर चिंता व्यक्त की। दुग्ध उत्पादन में गिरावट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने पशुआहार की गुणवत्ता में सुधार की मांग की।
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निराश्रित पशुओं के लिए शेल्टर की मांग: सड़क पर घूमने वाले निराश्रित पशुओं के लिए शेल्टर का प्रावधान करने की अपील की। सांसद ने गौवंश की तस्करी और संरक्षण में कानूनी कड़ाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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मिनीमाता बांगो बांध प्रभावितों के लिए मत्स्य पालन योजना: श्रीमती महंत ने मिनीमाता बांगो बांध प्रभावितों को मत्स्य पालन और झींगा पालन से जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से प्रभावित ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिल सकेगा।
श्रीमती महंत ने संसद में उठाए गए इन मुद्दों के माध्यम से सरकार से तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है, ताकि पशुधन और ग्रामीणों के हितों की रक्षा की जा सके।श्रीमती महंत ने संसद में उठाया पशुओं और गौवंश के संरक्षण का मुद्दा