भ्रष्टाचार पर करारी चोट: अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित
बलौदाबाजार में कार्रवाई, श्रम विभाग की 'शून्य सहनशीलता' नीति का संदेश

रायपुर : भ्रष्टाचार पर करारी चोट: अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित. छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। बलौदाबाजार में पदस्थ श्रम निरीक्षक रामचरन कौशिक को अवैध वसूली के गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई श्रम विभाग की उस ‘शून्य सहनशीलता’ नीति का स्पष्ट संदेश है, जिसके तहत भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच में सामने आईं गंभीर अनियमितताएं:
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामचरन कौशिक पर आरोप था कि वे अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अवैध रूप से धन की मांग और वसूली कर रहे थे। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, श्रम आयुक्त ने 24 अक्टूबर को एक विशेष जांच समिति का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न प्रतिष्ठानों के मालिकों और संबंधित अधिकारियों से गहन पूछताछ की, जिसके बाद एक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी गई। इस रिपोर्ट में यह पाया गया कि कौशिक ने वास्तव में अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से राशि की मांग और वसूली की थी।अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित
तत्काल निलंबन और मुख्यालय निर्धारण:
प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर, छत्तीसगढ़ शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रामचरन कौशिक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस अवधि के दौरान कौशिक को केवल जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) ही प्राप्त होगा। उनका मुख्यालय श्रमायुक्त कार्यालय, नवा रायपुर (अटल नगर) निर्धारित किया गया है, जहाँ उन्हें अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित
पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रतिबद्धता:
श्रम विभाग ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह संदेश दिया है कि सरकारी तंत्र में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी या अवैध वसूली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को इस आदेश की जानकारी देते हुए इसे तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं।अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जांच प्रक्रिया अभी भी जारी है और अंतिम रिपोर्ट आने के बाद रामचरन कौशिक के खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी। श्रमायुक्त कार्यालय ने यह भी दोहराया है कि यह कदम विभागीय कार्यप्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित
प्रशासनिक हलकों में सकारात्मक संदेश:
प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार पर सरकार के सख्त रुख के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कदम सरकारी तंत्र की साख को बनाए रखने और आम नागरिकों में विश्वास पैदा करने के लिए आवश्यक हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी ऐसी शिकायतें मिलने पर तुरंत जांच और कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि सुशासन सुनिश्चित किया जा सके।अवैध वसूली के आरोप में श्रम निरीक्षक निलंबित









