मुख्यमंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली ने चिंता बढ़ा दी है। जिले के किसी भी अस्पताल में महिला सर्जन की उपलब्धता नहीं है। इस वजह से परिवार नियोजन कार्यक्रम लगभग ठप हो गया है। जशपुर जिले में महिला सर्जन की कमी: परिवार नियोजन कार्यक्रम पर गहरा असर
महिला नसबंदी कार्यक्रम पर पड़ा असर
जिले में महिला नसबंदी शिविर आयोजित नहीं हो पा रहे हैं, जिससे जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है।
- महत्वपूर्ण तथ्य:
- महिला सर्जन की कमी: जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल में महिला सर्जन नहीं हैं।
- विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली: 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्टिंग के बावजूद, किसी ने ज्वॉइनिंग नहीं दी।
- नसबंदी शिविर रद्द: नवंबर-दिसंबर में होने वाले शिविर महिला सर्जन के अभाव में आयोजित नहीं हो सके। जशपुर जिले में महिला सर्जन की कमी: परिवार नियोजन कार्यक्रम पर गहरा असर
नसबंदी आंकड़ों में भारी गिरावट
2024 में महिला नसबंदी के मामलों में भारी गिरावट देखी गई है।
- महिला नसबंदी आंकड़े:
- 2022: 266
- 2023: 1,363
- 2024: 12
- पुरुष नसबंदी आंकड़े:
- 2022: 14
- 2023: 26
- 2024: 8
2023 में जहां 1,363 महिलाओं की नसबंदी हुई थी, वहीं 2024 में यह संख्या केवल 12 रह गई है। जशपुर जिले में महिला सर्जन की कमी: परिवार नियोजन कार्यक्रम पर गहरा असर
मितानिनों का प्रयास भी हुआ निष्फल
जिले में मितानिनों ने महिलाओं को नसबंदी के लिए तैयार कर लिया था, लेकिन महिला सर्जन की कमी और शिविर आयोजन न हो पाने के कारण परिवार नियोजन लक्ष्य अधूरा रह गया। जशपुर जिले में महिला सर्जन की कमी: परिवार नियोजन कार्यक्रम पर गहरा असर
समस्याओं का समाधान जरूरी
जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए:
- महिला सर्जन और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति।
- नसबंदी शिविर का पुनः आयोजन।
- स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही। जशपुर जिले में महिला सर्जन की कमी: परिवार नियोजन कार्यक्रम पर गहरा असर