पोल्लाची (तमिलनाडु): तमिलनाडु में भाषा विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। तमिल समर्थक कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशनों पर हिंदी में लिखे नामों को काला कर दिया, जिससे विवाद गहरा गया है। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे
रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नामों को काला करने का मामला
रविवार को एक वायरल वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ कार्यकर्ता ‘पोल्लाची जंक्शन’ के हिंदी में लिखे नेमबोर्ड को काला करते नजर आए। इसके तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों ने इसे साफ कर दिया और सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
दक्षिण रेलवे के पालघाट डिवीजन ने सोशल मीडिया पर बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इस हरकत में शामिल दोषियों की पहचान कर ली है। उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे
तिरुनेलवेली में डीएमके कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज
एक अन्य घटना में, तिरुनेलवेली जिले के पलायनकोट्टई रेलवे स्टेशन पर डीएमके कार्यकर्ताओं ने हिंदी नेमबोर्ड को काला कर दिया। इस पर आरपीएफ ने डीएमके के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे
तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच बढ़ता भाषा विवाद
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके (DMK) लंबे समय से केंद्र सरकार और बीजेपी पर हिंदी थोपने का आरोप लगाती रही है। खासकर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लेकर डीएमके और बीजेपी के बीच तीखी बहस होती रही है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे
प्रधानमंत्री मोदी का बयान: ‘भारत की भाषाएं एक-दूसरे को समृद्ध करती हैं’
भाषा विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई दुश्मनी नहीं रही।
“जब भाषाओं के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश हुई, तब भारत की साझा भाषाई विरासत ने इसका जवाब दिया।”
पीएम मोदी ने लोगों से गलत धारणाओं से बचने और सभी भाषाओं को अपनाने की अपील की। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे
मामले पर उठते सवाल
- क्या भाषा विवाद को सियासी फायदे के लिए भड़काया जा रहा है?
- रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की कार्रवाई से क्या भविष्य में ऐसे मामले रुकेंगे?
- क्या हिंदी भाषा को लेकर विरोध का कोई ठोस आधार है?
अब देखना होगा कि रेलवे और केंद्र सरकार इस मामले पर आगे क्या कदम उठाते हैं। तमिलनाडु में भाषा विवाद: रेलवे स्टेशनों पर हिंदी नेमबोर्ड काले करने पर एक्शन में रेलवे