उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी, नींद में प्रशासन

उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी, नींद में प्रशासन
उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी, उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में सरकारी भवनों की जर्जर हालत ने एक बार फिर प्रशासन की पोल खोल दी है। कोटड़ा उपखंड में एक सरकारी स्कूल के दो कमरे ढह गए, वहीं एक अन्य गांव में आंगनबाड़ी केंद्र की छत का प्लास्टर गिर गया। गनीमत सिर्फ इतनी रही कि दोनों हादसे रात के समय हुए, जब वहां कोई बच्चा मौजूद नहीं था, वरना एक बड़ी और दर्दनाक घटना घट सकती थी।
रात के अंधेरे में ढह गए स्कूल के दो कमरे
मामला कोटड़ा उपखंड की ग्राम पंचायत पिपला का है, जहाँ स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के दो कमरे रविवार की रात अचानक भरभराकर गिर पड़े। यह हादसा रात करीब आठ बजे हुआ। चूंकि अगले दिन स्कूल खुलना था, इसलिए यदि यह घटना दिन में होती तो कई बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती थी। सूचना मिलते ही सरपंच और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और व्यवस्था पर रोष व्यक्त किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र के कई स्कूल भवन इसी तरह खंडहर बने हुए हैं।उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी
आंगनबाड़ी केंद्र में छत से गिरा प्लास्टर, दहशत में बच्चे
ऐसी ही एक और घटना मनवाखेड़ा ग्राम पंचायत के एकलिंगपुरा गांव में हुई। यहाँ अंबा खदरा आंगनबाड़ी केंद्र की छत का एक बड़ा हिस्सा देर रात नीचे आ गिरा। इस घटना के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय बच्चे बुरी तरह डरे हुए हैं और केंद्र में जाने से घबरा रहे हैं।उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी
चेतावनियों के बावजूद क्यों नहीं जागा प्रशासन?
दोनों ही मामलों में एक बात समान है – प्रशासन की घोर लापरवाही। पिपला के ग्रामीणों और एकलिंगपुरा के स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार इन जर्जर भवनों की स्थिति के बारे में पंचायत और संबंधित विभागीय अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से सूचित किया था। लेकिन हर बार उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया और मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। ये घटनाएं सवाल उठाती हैं कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?उदयपुर में बड़ा हादसा टला: स्कूल के कमरे और आंगनबाड़ी की छत गिरी









