
कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन: मेवाड़ यूनिवर्सिटी में छापा, फर्जीवाड़े का भंडाफोड़
मुख्य बातें:
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का चित्तौड़गढ़ की मेवाड़ यूनिवर्सिटी पर औचक छापा।
आरोप: बिना पढ़ाई और सही परीक्षा के बांटी जा रहीं फर्जी डिग्रियां और डिप्लोमा।
जांच में उत्तर पुस्तिकाओं में मिली गंभीर अनियमितताएं, कई कोर्स बिना ICAR मान्यता के।
मंत्री ने विभाग को दिए FIR दर्ज कराने के निर्देश, यूनिवर्सिटी ने आरोपों को नकारा।
चित्तौड़गढ़ में शिक्षा के नाम पर बड़ा खेल?
कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन, राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय में एक बड़े ‘डिग्री फर्जीवाड़े’ का पर्दाफाश करने का दावा किया है। एक छात्र की शिकायत पर अपनी टीम के साथ औचक निरीक्षण पर पहुंचे मंत्री ने पाया कि विश्वविद्यालय में कथित तौर पर बिना उचित पढ़ाई और परीक्षा के ही डिप्लोमा और डिग्रियां दी जा रही हैं।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का भंडाफोड़?
यह पूरा मामला बीकानेर के एक छात्र स्वतंत्र की शिकायत के बाद सामने आया। स्वतंत्र के अनुसार, उसे खाद-बीज की दुकान के लाइसेंस के लिए एक डिप्लोमा की जरूरत थी। एक एजेंट ने उससे 50 हजार रुपए लेकर मेवाड़ विश्वविद्यालय में परीक्षा देने भेज दिया। छात्र का आरोप है:
उसकी कोई भी ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास नहीं लगी।
परीक्षा में उसे प्रश्न-पत्र देकर कहा गया कि कुछ भी लिख दो।
उसकी उत्तर पुस्तिका (कॉपी) उसी के सामने जांची गई।
सिर्फ दो दिन बाद उसे 62% अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में पास होने का डिप्लोमा थमा दिया गया।
जब मंत्री की टीम ने विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं। कई कॉपियों में उत्तर सही नहीं लिखे थे, कहीं सिर्फ सही के निशान थे और नंबर नहीं थे, तो कहीं बिना जांचे ही मुख्य पृष्ठ पर नंबर चढ़ा दिए गए थे। कई कॉपियों पर परीक्षक के हस्ताक्षर तक नहीं थे।कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन
मान्यता के बिना कोर्स, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया कि यह फर्जीवाड़ा सिर्फ डिप्लोमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बीएससी हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर जैसे कोर्स में भी चल रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय बिना ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) की मान्यता के ही ये कोर्स संचालित कर रहा है। ऐसी डिग्रियों की कोई मान्यता नहीं होती, जिससे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकते और उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 12 में से 8 विश्वविद्यालय और 32 में से 30 कृषि कॉलेज बिना ICAR एक्रीडेशन के चल रहे हैं।कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन
विश्वविद्यालय की सफाई: ‘सबकुछ नियमानुसार’
वहीं, इन गंभीर आरोपों पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. सी. डी. कुमावत ने अपनी सफाई पेश की है। उनका कहना है कि प्रवेश नियमानुसार ही दिए गए हैं और छात्र को 40 दिन के वीडियो और ऑनलाइन लेक्चर भेजे गए थे। उन्होंने कहा, “यह कोर्स सिर्फ उनके लिए है जिन्हें खाद-बीज की दुकान खोलनी होती है। अगर सरकार कोर्स चलाकर नौकरी नहीं दे सकती तो वह कोर्स क्यों चलाती है?” विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन
अब आगे क्या?
कृषि मंत्री ने मौके पर ही परीक्षा नियंत्रक के कमरे को सील करने और कृषि विभाग के माध्यम से विश्वविद्यालय के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में पहले भी SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) जांच कर चुकी है और यह पता लगाया जाएगा कि वह जांच अधूरी क्यों छोड़ी गई।कृषि मंत्री का ‘डिग्री कांड’ पर बड़ा एक्शन









