कोरबा: कोरबा जिले में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती में गंभीर गड़बड़ी का मामला अब राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। भर्ती प्रक्रिया में घोटाले के मुख्य सूत्रधार की पहचान और चयन समिति की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।कोरबा में शिक्षाकर्मी भर्ती में घोटाले का खुलासा: पत्र क्र.561 और बाबू की भूमिका पर सवाल
प्रमुख मुद्दे
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पत्र क्र.561 का रहस्य
– कोरबा जनपद के शिक्षाकर्मी भर्ती में पत्र क्रमांक 561, दिनांक 22/05/2024 के व्यवहार पर केवल चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि छह लोग बख्शे गए हैं।
– इनमें से एक महिला प्रधानपठिका सहित दो लोगों के रिकॉर्ड जनपद में अनुपलब्ध हैं। चयन समिति की लापरवाही और गड़बड़ी को नजरअंदाज किया गया है, जबकि एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए थी।
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नए प्रकरण और गायब दस्तावेज
– 2007 की भर्ती में कु. रमला कंवर, रामकुमारी साहू, और मेषराम पटेल की नियुक्तियों पर सवाल उठ रहे हैं। इनके दस्तावेज सेवा पुस्तिका से गायब हैं और अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।
– इन मामलों में कार्यवाही की बजाय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति की गई है, जिससे कई अधिकारियों की संलिप्तता का अंदेशा है।
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लदेर बाबू की भूमिका
– शिक्षाकर्मी की जानकारी जनपद पंचायत के सहायक ग्रेड 2 अमृत लदेर की अभिरक्षा में रखी गई थी, जो अब रिटायर हो चुके हैं।
– वर्तमान में इंदिरा भगत, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, और संजय अग्रवाल, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा में पदस्थ हैं। रिकॉर्ड में अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज गायब पाए गए हैं।
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पात्र लोगों को अवसर का न मिलना
– चयन सूची में कई पात्र अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चयनित किया गया है, जबकि कई योग्य उम्मीदवार प्रतीक्षा सूची में रहकर बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
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आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत
– आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
– वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के बावजूद, जन सूचना अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी से महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त नहीं किए जा सके हैं।
इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच और योग्य अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की परतें खोली जा सकें।