जीवन आस्था: 10 वर्षों में डेढ़ लाख जिंदगियां बचाने का संकल्प

गांधीनगर। जीवन आस्था: 10 वर्षों में डेढ़ लाख जिंदगियां बचाने का संकल्प, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि गुजरात पुलिस की ‘जीवन आस्था हेल्पलाइन’ ने पिछले 10 सालों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों को आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने से बचाया है। यह हेल्पलाइन, जो 18002333330 नंबर पर संचालित होती है, अब जल्द ही आपातकालीन हेल्पलाइन 112 से भी जुड़ने जा रही है, जिससे इसकी पहुंच और प्रभावशीलता में और वृद्धि होगी।
जीवन आस्था: 10 वर्षों में डेढ़ लाख जिंदगियां बचाने का संकल्प
गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में संघवी ने बताया कि जीवन आस्था हेल्पलाइन को 10 वर्षों में लगभग 1.5 लाख कॉल प्राप्त हुए हैं। इनमें से हजारों मामले ऐसे थे, जहाँ लोग रेलवे ट्रैक, पुल या फाँसी लगाने जैसी जगहों पर आत्महत्या का प्रयास करने वाले थे। उन्होंने इन सफल बचाव अभियानों के लिए पुलिस कर्मचारियों के कार्यों की सराहना की और इसे ‘यमराज के पास पहुँचने वाले लोगों को सुरक्षित वापस लाने’ जैसा बताया। यह हेल्पलाइन, जिसकी शुरुआत गांधीनगर जिला पुलिस ने 10 सितंबर 2015 को की थी, अब पूरे राज्य में अपनी सेवाएं दे रही है और अन्य राज्यों से भी लोगों को परामर्श प्रदान कर रही है।
गुजरात: देश में अनूठी पहल का अगुवा
हर्ष संघवी ने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात पूरे देश में अपनी तरह की यह पहल करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन केवल कॉल अटेंड नहीं करती, बल्कि डेढ़ लाख परिवारों के ‘मुखिया’, ‘चिराग’ या ‘लक्ष्मी’ को बचाकर उन्हें एक नया जीवन जीने की शक्ति प्रदान करती है। यह हेल्पलाइन आत्महत्या के विचारों को जड़ से खत्म कर एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती है।
तकनीकी उन्नयन और जागरूकता हेतु 5 करोड़ का आवंटन
सरकार ने ‘जीवन आस्था हेल्पलाइन’ की जागरूकता बढ़ाने और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित करने की घोषणा की है। यह जन-उन्मुख सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। पुलिस विभाग मनोविज्ञान के क्षेत्र में योग्य पेशेवरों को नियुक्त कर रहा है, ताकि अवसादग्रस्त और हताश लोगों को उचित परामर्श मिल सके। संघवी ने कहा कि यदि ऐसे प्रयासों से एक भी जीवन बचाया जा सके, तो परियोजना का सारा खर्च सार्थक हो जाता है।
सफल कहानियाँ: जब हेल्पलाइन बनी जीवनरक्षक
मंत्री ने हेल्पलाइन की कुछ प्रेरक सफल कहानियाँ भी साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे एक प्रेम-विवाह न होने के कारण आत्महत्या करने गए युगल को नर्मदा नहर के पास से बचाया गया। इसी तरह, आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक युवक को रेलवे ट्रैक से और साहूकारों से परेशान एक छोटे व्यापारी के पूरे परिवार को आत्महत्या करने से रोका गया। ये घटनाएँ ‘जीवन आस्था’ हेल्पलाइन के महत्व और उसकी प्रभावशीलता को दर्शाती हैं।
दैनिक 40-50 कॉल, त्रिभाषी परामर्श सेवा
गुजरात पुलिस के महानिदेशक विकास सहाय ने बताया कि ‘जीवन आस्था’ टीम प्रतिदिन औसतन 40 से 50 फोन कॉल के माध्यम से मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को परामर्श प्रदान करती है। मनोवैज्ञानिकों के समन्वय से पहले फोन पर और फिर आमने-सामने भी काउंसलिंग दी जाती है। यह हेल्पलाइन हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी – तीनों भाषाओं में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही है, जिससे व्यापक पहुंच सुनिश्चित होती है। इस अवसर पर गांधीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वीरेन्द्र यादव और महापौर मीराबेन पटेल सहित कई अन्य पदाधिकारी और अधिकारी उपस्थित थे।









