NCG NEWS DESK New Delhi-
शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत नहीं मिली। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सभी की दलीलें सुनीं लेकिन इस पर आज अपना फैसला नहीं सुनाया। बेंच फैसला दिए बिना ही उठ गई। अब 9 मई को सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुना सकता है।
ईडी की तरफ से कहा गया कि अभी दलीलें बाकी हैं और अंतरिम जमानत पर पूरा पक्ष सुना जाना चाहिए। एसजी तुषार मेहता ने जब दोबारा दलील देना शुरू किया तो जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह निर्णय दोषसिद्धि से संबंधित है। हमारे पास बहुमत का दृष्टिकोण है। दोषसिद्धि के कुछ निश्चित परिणाम होते हैं, जो अलग-अलग होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर किसी का कोई मामला असाधारण परिस्थितियों से जुड़ा होता है।
एसजी मेहता ने कहा कि उचित संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है। उस व्यक्ति को अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करने की सलाह दी जाती है इसके 2 परिणाम होंगे। जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम इस पर नहीं जा रहे हैं कि वह राजनेता है या नहीं, हरेक व्यक्ति के पास कुछ विशेष या असाधारण परिस्थितियां होती हैं। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या चुनाव को देखते हुए अपवाद जरूरी है।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि राजनेताओं के लिए अलग कानून होना चाहिए। मेहता ने कहा कि आपके अधिकार क्षेत्र का कोई प्रश्न नहीं है। बस इस पहलू पर दरवाजे खोले जा रहे हैं। अभियोजक के लिए यह असंभव होगा, जबकि कोई किराना मालिक आएगा या मजदूर आएगा। उनके पास कोई मंत्रालय नहीं, कोई पोर्टफोलियो नहीं, कोई निशान नहीं, कोई जिम्मेदारी नहीं। इस पर सिंघवी ने कहा कि मैं किसी फाइल पर साइन नहीं करूंगा, लेकिन एलजी मना नहीं करेंगे।
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