भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़! HSBC रिपोर्ट में जानें पूरा कैलकुलेशन

भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़! HSBC रिपोर्ट में जानें पूरा कैलकुलेशन
नई दिल्ली: भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़! रिटायरमेंट के बाद बैंक खाते में कितना पैसा हो कि बाकी की जिंदगी बिना किसी चिंता के कट जाए? 1 करोड़, 2 करोड़ या इससे भी ज्यादा? यह एक ऐसा सवाल है जो हर नौकरीपेशा व्यक्ति के मन में घूमता है। अब इस सवाल का एक ठोस जवाब सामने आया है। ग्लोबल बैंकिंग दिग्गज HSBC की एक हालिया स्टडी ने उस ‘मैजिक नंबर’ का खुलासा किया है, जो भारतीयों को एक आरामदायक और सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए चाहिए।
कितना है रिटायरमेंट का वो ‘जादुई आंकड़ा’?
HSBC की ‘अफ्लुएंट इन्वेस्टर्स स्नैपशॉट 2025’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक आर्थिक रूप से सुरक्षित और आरामदायक रिटायरमेंट के लिए एक व्यक्ति को लगभग ₹3.5 करोड़ (लगभग 4 लाख अमेरिकी डॉलर) का फंड बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। यह आंकड़ा महंगाई, बढ़ते स्वास्थ्य खर्च और बेहतर जीवनशैली की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर बताया गया है।भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़!
HSBC की रिपोर्ट ने क्यों बताई इतनी बड़ी रकम?
यह रकम सुनने में बड़ी लग सकती है, लेकिन इसके पीछे ठोस कारण हैं:
बढ़ती महंगाई: आज जो चीज ₹100 की है, वह कल नहीं होगी। महंगाई आपकी बचत को धीरे-धीरे खत्म कर देती है।
स्वास्थ्य का बढ़ता खर्च: उम्र के साथ स्वास्थ्य संबंधी खर्चे बढ़ते हैं, और मेडिकल इलाज लगातार महंगा हो रहा है।
लंबी उम्र और बेहतर जीवनशैली: लोग अब पहले से ज्यादा लंबा जी रहे हैं और रिटायरमेंट के बाद भी घूमना-फिरना और अपने शौक पूरे करना चाहते हैं, जिसके लिए पैसों की जरूरत होती है।
कहां लगा रहे हैं भारतीय अपना पैसा? सोना और शेयर पहली पसंद
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय निवेशक अब पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर अपने निवेश में विविधता ला रहे हैं।भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़!
सोना, शेयर और म्यूचुअल फंड सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प बनकर उभरे हैं।
लोग अब बैंक में नकदी रखने के बजाय उसे ज्यादा रिटर्न देने वाली संपत्तियों में लगा रहे हैं। नकद होल्डिंग घटकर केवल 15% रह गई है।
दुनिया के मुकाबले भारत में रिटायरमेंट कितना सस्ता (या महंगा)?
भले ही ₹3.5 करोड़ एक बड़ी राशि लगे, लेकिन दुनिया के अन्य बड़े देशों की तुलना में यह काफी कम है।भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़!
अमेरिका: लगभग ₹13 करोड़
सिंगापुर: लगभग ₹11.5 करोड़
हांगकांग: लगभग ₹9.1 करोड़
चीन: लगभग ₹9 करोड़
हालांकि, भारत के शहरी क्षेत्रों में बढ़ते खर्चों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि इस लक्ष्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए।भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़!
₹3.5 करोड़ के लक्ष्य तक कैसे पहुंचें? एक्सपर्ट्स के 4 अचूक मंत्र
जल्दी शुरू करें, जादू देखें: आप जितनी जल्दी (खासकर 30 की उम्र से पहले) निवेश शुरू करेंगे, कंपाउंडिंग की ताकत (ब्याज पर ब्याज) आपके पैसे को उतनी ही तेजी से बढ़ाएगी।
एक जगह नहीं, सब जगह लगाएं पैसा: अपना सारा पैसा एक ही जगह न रखें। इक्विटी, म्यूचुअल फंड (SIP), सोना और रियल एस्टेट में अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश को बांटें।
महंगाई को न भूलें: समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपका रिटर्न महंगाई दर को मात दे रहा है।
NPS और पेंशन योजनाओं का लाभ उठाएं: सरकार द्वारा समर्थित ये योजनाएं टैक्स बचाने के साथ-साथ रिटायरमेंट के लिए एक स्थिर फंड बनाने में मदद करती हैं।
संक्षेप में, HSBC की यह रिपोर्ट एक अलार्म की तरह है, जो हमें अनुशासित वित्तीय योजना के महत्व की याद दिलाती है। ₹3.5 करोड़ के लक्ष्य को एक बेंचमार्क मानकर, आप आज से ही अपने सुनहरे भविष्य की प्लानिंग शुरू कर सकते हैं।भारत में टेंशन-फ्री रिटायरमेंट का ‘मैजिक नंबर’ – ₹3.5 करोड़!
(अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले कृपया एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।)








