मनरेगा फर्जीवाड़ा : मनरेगा में लूट को मिली छूट, रोजगार सहायक लगा रहें मजदूरों की फर्जी हाजिरी, जिम्मेदार अधिकारी मौन… शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं.. कही आपसी लेनदेन तो नहीं…?
NCG News desk GPM:-
गौरला पेंड्रा मरवाही : मनरेगा फर्जीवाड़ा :सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जिरोटालरेंस की निति पर काम करने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ गौरला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्राम पंचायत पिपलामार जनपद पंचायत पेंड्रा में कार्यरत जिम्मेदार के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है. गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है. ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव “ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर” (खंड विकास अधिकारी) जिनके द्वारा इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
मनरेगा कार्य की भ्रष्टाचार का पूरा मामला
मनरेगा फर्जीवाड़ा :ग्राम पंचायत पिपला मार में वर्ष 2023 में मनरेगा से तालाब गहरी करण, गाद सफाई, डबरी निर्मण, एवं अन्य कई कार्यों में फर्जीवाड़ा कर कार्य पूर्ण रकम की अहरण कर लिया गया हैं जिसकी समस्त ग्राम वासिओं के द्वारा जनपद पंचायत पेंड्रा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लिखित शिकायत कर उचित जाँच कर कार्यवाही की माँग किए हैं।
मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार का जिम्मेदार कौन
मनरेगा फर्जीवाड़ा :इसमें सबसे बड़ा जिम्मेदार ग्राम पंचायत में नियुक्त तकनीकी सहायक हैं, जो पहले ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित कार्य पर स्टीमेट बनाता हैं. उसके बाद रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती हैं. वह स्टीमेट बने कार्य के साइड पर कार्य कराकर हाजिरी लगाने की है. उसमें रोजगार सेवक द्वारा कागजों में प्रस्तावित कार्य पर बिना कार्य कराए फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाना शुरू करता है.
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