NEET PG Aspirants Alert: परीक्षा अगस्त में संभावित, पीजी सीटों में 50 तक की बढ़ोतरी की उम्मीद
मुख्य बातें:-
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NEET PG परीक्षा जून के बजाय अगस्त में आयोजित होने की संभावना।
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परीक्षा में देरी से पीजी छात्रों के आगमन में विलंब, अस्पतालों में कार्यभार बढ़ सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अब एक ही पाली में होगी परीक्षा।
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राज्य में वर्तमान 502 पीजी सीटों में 50 और सीटों की वृद्धि हो सकती है।
मेडिकल क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) करने की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। NEET PG परीक्षा की तिथियों में बदलाव और सीटों की संख्या में संभावित वृद्धि की सूचना है। आइए विस्तार से जानते हैं।NEET PG Aspirants Alert
NEET PG परीक्षा तिथि में बदलाव: अब अगस्त में आयोजन
इस वर्ष NEET PG परीक्षा, जो पहले 15 जून को निर्धारित थी, अब 3 अगस्त को आयोजित होने की संभावना है।
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विलंबित अकादमिक सत्र: परीक्षा में इस देरी के कारण, उदाहरण के तौर पर, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध आंबेडकर अस्पताल जैसे संस्थानों में पीजी छात्र (जिन्हें रेजिडेंट, जूनियर डॉक्टर या हाउस सर्जन भी कहा जाता है) देर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।
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काउंसलिंग और प्रवेश: परीक्षा अगस्त में होने पर काउंसलिंग प्रक्रिया सितंबर अंत तक शुरू हो सकती है, जिससे पहले चरण के पीजी छात्र अक्टूबर तक ही आ पाएंगे।
परीक्षा में देरी का असर: पीजी छात्रों का विलंबित आगमन
पीजी छात्रों के देर से आने के कारण अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कुछ चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं:
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कार्यभार में वृद्धि: प्रथम वर्ष के छात्रों की अनुपस्थिति में, वार्डों में मरीजों की देखभाल का जिम्मा मुख्यतः द्वितीय और अंतिम वर्ष के पीजी छात्रों पर आ जाएगा, जिससे उन पर काम का दबाव बढ़ सकता है।
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ओपीडी सेवाओं पर प्रभाव: पीजी छात्र ओपीडी में मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनकी देरी से यह सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। यह स्थिति कुछ हद तक कोरोना काल में हुई परीक्षा जैसी है, जब अकादमिक कैलेंडर बाधित हुआ था। पहले NEET PG जनवरी में होती थी।
एक पाली में परीक्षा: क्यों हुआ यह बदलाव?
NEET PG परीक्षा को इस वर्ष दो पालियों के बजाय एक ही पाली में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।NEET PG Aspirants Alert
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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस (NBE) द्वारा किया गया है।
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तैयारी में समय: एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था और तैयारी में अधिक समय लगने की संभावना है, जो परीक्षा की तिथि आगे बढ़ने का एक कारण हो सकता है।
परीक्षा पैटर्न पर प्रभाव: संतुलित प्रश्नपत्र की उम्मीद
परीक्षा के एक पाली में होने से प्रश्नपत्र के प्रारूप पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।NEET PG Aspirants Alert
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पूर्व की विसंगतियां: विशेषज्ञों के अनुसार, जब परीक्षा दो पालियों में होती थी, तो 19 विषयों से प्रश्नों का वितरण असमान हो जाता था। किसी एक पाली में एक विषय से अधिक प्रश्न पूछे जाते थे, तो दूसरी पाली में उसी विषय से कम। यह अंतर विशेष रूप से बायोकेमिस्ट्री, मेडिसिन और फिजियोलॉजी जैसे विषयों में देखा गया था।
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उदाहरण: 2024 की पहली पाली में एनाटॉमी से केवल सात प्रश्न आए, जबकि दूसरी पाली में यह संख्या 16 हो गई थी। वहीं, 2021 से 2023 तक औसतन सात से दस प्रश्न ही पूछे जाते रहे हैं।
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संतुलित वितरण: एक पाली में परीक्षा होने से सभी 19 विषयों से प्रश्नों का समान और संतुलित वितरण सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
राज्य में पीजी सीटों का गणित और नई संभावनाएं
वर्तमान में राज्य में पीजी की कुल 502 सीटें उपलब्ध हैं, जिनका वितरण इस प्रकार है:
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स्टेट कोटा: 319 सीटें
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ऑल इंडिया कोटा: 157 सीटें
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एनआरआई कोटा: 26 सीटें
इनमें से 6 सरकारी कॉलेजों में कुल 316 सीटें (स्टेट कोटा: 156, ऑल इंडिया कोटा: 155) और तीन निजी कॉलेजों में 186 सीटें (स्टेट व मैनेजमेंट कोटा: 160) हैं।
खुशखबरी: नए शैक्षणिक सत्र में सरकारी और निजी कॉलेजों में पीजी की लगभग 50 सीटें और बढ़ सकती हैं। इससे अधिक छात्रों को पीजी करने का अवसर मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय: पीजी का बढ़ता महत्व
वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा और हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार, वर्तमान समय में यूजी के बाद पीजी और फिर सुपर स्पेशलिटी करने का चलन बढ़ रहा है। पीजी की डिग्री करियर निर्माण और स्वतंत्र प्रैक्टिस के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।NEET PG Aspirants Alert
यह बदलाव और सीटों में संभावित वृद्धि निश्चित रूप से NEET PG की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें अपनी रणनीति इसी के अनुसार बनानी चाहिए।NEET PG Aspirants Alert